भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ महीनों से संबंधों में आई ठंडक के बाद अब एक सकारात्मक मोड़ देखने को मिला है। दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को नई दिशा देते हुए 10 साल की एक बड़ी डिफेंस डील पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा ढांचे को मज़बूत करने के साथ-साथ रणनीतिक साझेदारी को नई ऊँचाई देगा।
दरअसल, हाल के महीनों में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ (आयात शुल्क) से जुड़े फैसलों और भारत-पाक संघर्ष में हस्तक्षेप की कोशिशों के कारण भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव देखा गया था। लेकिन अब यह नई डिफेंस डील दोनों देशों के रिश्तों में विश्वास और सहयोग के नए अध्याय की शुरुआत करती है।
Had a fruitful meeting with my US counterpart @SecWar Peter Hegseth in Kuala Lumpur. We signed the 10 years ‘Framework for the US-India Major Defence Partnership’. This will usher in a new era in our already strong defence partnership.
This Defence Framework will provide policy… pic.twitter.com/IEP6Udg9Iw
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 31, 2025
यह समझौता मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) कार्यक्रम के दौरान हुआ। इस बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी युद्ध मंत्री पीट हेगसेथ ने भाग लिया। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद 10 वर्ष की “भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा” पर हस्ताक्षर किए गए।
अमेरिकी युद्ध मंत्री पीट हेगसेथ ने एक्स (पूर्व ट्विटर) प्लेटफॉर्म पर जानकारी देते हुए कहा कि, “मैंने अभी-अभी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की है। हमने 10 साल के लिए रक्षा ढांचे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह हमारी रक्षा साझेदारी को और आगे बढ़ाएगा, जो क्षेत्रीय स्थिरता और प्रतिरोध की आधारशिला है।” उन्होंने आगे कहा कि दोनों देश समन्वय, सूचना साझाकरण और तकनीकी सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और वर्तमान में हमारे रक्षा संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं।
https://twitter.com/SecWar/status/198411824649724347
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस मुलाकात को “उपयोगी और सार्थक” बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के पूरे आयाम को नीतिगत दिशा प्रदान करेगा। राजनाथ सिंह ने इसे दोनों देशों के बीच रणनीतिक अभिसरण (strategic convergence) का प्रतीक बताया और कहा कि “यह साझेदारी एक नए दशक की शुरुआत करेगी।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रक्षा क्षेत्र दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ बना रहेगा। एक स्वतंत्र, खुला और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific Region) सुनिश्चित करने के लिए भारत और अमेरिका की साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है।
यह समझौता न केवल भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को मज़बूती देगा, बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील दोनों देशों के बीच तकनीकी आदान-प्रदान, संयुक्त अभ्यास और रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग को अभूतपूर्व स्तर पर ले जाएगी — जो आने वाले वर्षों में भारत की सामरिक क्षमता और वैश्विक भूमिका को और सशक्त बनाएगी।
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