मुगल बादशाह अकबर की जब बात होती है तो उसके हरम का जिक्र जरूर होता है. बताया जाता है कि अकबर के समय मुगल हरम में करीब 5 हजार महिलाएं थीं. इनमें से करीब 300 महिलाएं उसकी पत्नियां और रखैलें थीं. इसका भी इतिहास की किताबों में जिक्र है कि मुगल हरम में कैसे महिलाओं को शामिल किया जाता था? क्या उनके साथ कोई जोर-जबरदस्ती की जाती थी? अकबर ने इनती ज्यादा शादियां क्यों की थीं? क्या सच में उसकी ज्यादातर शादियां एक समझौता ही थीं. आइए मुगल हरम से जुड़े अनसुने किस्सों के बारे में जानते हैं तो अब तक लोगों से छिपाए गए.
अकबर ने मुगल हरम में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को शामिल करने के लिए अजीबोगरीब कानून बनाया था. इसके तहत अगर कोई महिला बादशाह को पसंद करती थी तो उसका पति बिना किसी प्रतिशोध के उसको तलाक दे सकता है. इस कानून का फायदा उठाकर अकबर ने एक महिला से शादी भी की थी. बता दें कि अकबर के समकालीन अब्दुल कादिर बदायुनी ने अपनी किताब मुन्तखाब-उत-तवारीख में इसका जिक्र किया है.
गौरतलब है कि एक बार अकबर ने सुबह की सैर के वक्त आगरा के सरदार शेख बादाह की बहू को देख लिया था. वो पहली नजर में ही उसका दीवाना हो गया था. वह बेहद खूबसूरत थी और अकबर ने उसे देखते ही फैसला कर लिया था कि वह उससे निकाह करेगा. इसके बाद शेख बादाह के पास अकबर ने अपना संदेश भिजवाया और उन्हें बादशाह की ताकत दिखाकर मजबूर किया गया.
सरदार शेख बादाह ने जैसे ही अकबर का पैगाम सुना, उनके और उनके बेटे के होश उड़ गए. हालांकि, बादशाह की ताकत के आगे उनकी एक भी नहीं चल सकती थी. बात नहीं मानते तो उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता था. इसलिए सरदार का बेटा राजी हो गया और अपनी पत्नी को तलाक दे दिया. इसके बाद अकबर ने उस महिला से शादी कर ली और अपने हरम में शामिल कर लिया.