धरती अब तेजी से बदल रही है. यहां का वातावरण, यहां रहने वाले जीव और पेड़ पौधों में भी बदलाव देखा जा रहा है. यहां तक की अब धरती इस बदलाव को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है और फटने लगी है. आज हम जिसकी बात कर रहे हैं, वो है अफ्रीका में फट रही धरती की. एक्सपर्ट्स की मानें तो अफ्रीका में अब तेजी से धरती फट रही है, बीते मार्च में ही बताया गया था कि अफ्रीका में अगर इसी तरह धरती फटती रही तो ये दो हिस्सों में बंट जाएगा. मार्च में जो धरती फटने की दरार 56 किलोमीटर लंबी थी वो जून तक और ज्यादा लंबी हो गई है और इसके बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है.
लंदन की जियोलॉजिकल सोसाइटी के अनुसार, लाल सागर से लेकर मोजाम्बिक तक करीब 35,00 किलोमीटर का एरिया घाटियों के एक लंबे नेटवर्क में फैला हुआ है, धीरे धीरे ये पूरा क्षेत्र बड़ी बड़ी दरारों में बदल रहा है. अगर ये ऐसा ही जारी रहा तो अफ्रीका को दो हिस्सों में बांटने वाला एक नया सागर यहां बन जाएगा. हालांकि, वैज्ञानिक इसकी वजह जानने के लिए टेक्टोनिक प्लेटों का अध्ययन कर रहे हैं.
The split in the African continent is a geological process that is currently underway. It is called the East African Rift, and it is a divergent tectonic plate boundary where the African Plate is in the process of splitting into two tectonic plateshttps://t.co/mssqmHBCCG
— Geology Tweets (@GeologyTime) June 20, 2023
ये इतनी बड़ी घटना है कि इस पर नासा ने भी नजर बनाए रखी है. आपको बता दें, नासा के अर्थ ऑब्जरवेटरी का कहना है कि पूर्वी अफ्रीका में सोमालियाई टेक्टोनिक प्लेट न्युबियन टेक्टोनिक प्लेट से पूर्व की ओर तेजी से खिंच रही है. दरअसल, सोमालियन प्लेट को सोमाली प्लेट और न्युबियन प्लेट को अफ्रीकी प्लेट के नाम से भी जाना जाता है. वहीं, भू-वैज्ञानिकों के अनुसार, अब सोमालियाई और न्युबियन प्लेटें भी अरब प्लेट से अलग हो रही हैं.
अफ्रीका में बन रहे इस बड़े से दरार को लेकर जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन ने अपने अध्ययन में पाया कि ये प्लेटें इथियोपिया में एक Y आकार की दरार प्रणाली बना रही हैं. वहीं कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में अर्थ विज्ञान के एक प्रोफेसर एमेरिटस केन मैकडोनाल्ड का कहना है कि फिलहाल दरार बनने की गति तो धीमी है, लेकिन भविष्य में इसका खतरा बहुत बड़ा है. हालांकि, फिलहाल इसका असर कितनी दूर तक जा सकता है इसे लेकर साफ साफ कुछ नहीं कहा जा सकता.