भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठने वाले पहलवानों को चैंपियनशिप के ट्रायल में छूट मिलने के बाद विवाद हो गया है। इस छूट को नए पहलवानों के साथ अन्याय बताया जा रहा है। इस फैसले पर सवाल उठाने वाले ओलंपियन योगेश्वर दत्त धरना देने वाले पहलवानों के निशाने पर आ गए हैं।
जो कोई इन पहलवानों के हाँ में हाँ नहीं मिला रहा है, उनको ये निशाने पर ले रहे हैं। चाहे वह सरकार हो, खेल मंत्री हों, दिल्ली पुलिस हो, भारतीय ओलंपिक संघ और उसकी अध्यक्ष पीटी उषा हों या योगेश्वर दत्त। ट्रायल में छूट के फैसले का विरोध करने पर विनेश फोगाट ने योगेश्वर दत्त को अपमानित करने की कोशिश की है। इसके बाद दत्त लाइव आए और कई खुलासे किए।
शुक्रवार (23 जून 2023) की रात को योगेश्वर दत्त अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव आए और विनेश फोगाट के भ्रष्टाचार का खुलासा किया। योगेश्वर दत्त ने कहा कि विनेश फोगाट ने अपने पति के मामा को कोच बताकर हरियाणा सरकार से 25-30 लाख रुपए ग्रांट दिलाई।
विनेश फोगाट को लेकर योगेश्वर दत्त ने कहा, “आपका गुरु आपका ताऊ महावीर फोगाट है। आपको अभी हरियाणा सरकार से 25-30 लाख रुपए ग्रांट मिली थी, वह आपने कोच ओमप्रकाश दहिया को दिलवाई, जबकि वह आपका कोच नहीं है। आपने उसे कोच बनाकर उसे इतनी बड़ी ग्रांट दिलवा दी।”
योगेश्वर दत्त ने आगे कहा, “आपने उसे पैसे क्यों दिलवाए यह भी मैं बता देता हूँ। पूरे देशवासियों को पता होना चाहिए। जिस सोमबीर राठी से आपकी शादी हुई है, उनके मामा हैं ओमप्रकाश दहिया। इसलिए आपने अपने ताऊ को यहाँ पर छोड़ दिया और अपनी रिश्तेदारी निभाई। इन 25 लाख के लिए आपने क्या भूमिका सेट की, मुझे इसका नहीं पता।
योगेश्वर दत्त यहीं नहीं रूके। उन्होंने रेलवे में नौकरी में फर्जीवाड़ा का भी खुलासा किया। दत्त ने कहा, “आप सरकार से जाकर मिले और आपने अपनी ट्रांसफर मनमर्जी से रेलवे में करवाई। रेलवे में जो हमारे कुश्ती के सीनियर अर्जुन अवॉर्डी खिलाड़ी रहे हैं, उनका आपने ट्रांसफर करवाया और उनकी जगह पर आप खुद बैठ गए।”
ओलंपियन ने आगे कहा, “ऐसा कौन सा आंदोलन आपने किया कि आपके मन मुताबिक सारी बातें हो रही हैं? जिस लड़ाई को लेकर आप आए थे, वह लड़ाई कहाँ है आपकी? मेरी सभी खाप प्रतिनिधियों और किसान संगठनों से आग्रह है कि वह इस धरने की सच्चाई को जानिए। इस धरने के बाद से जो इन पहलवानों को बेनिफिट मिल रहा है, इसका क्या कारण है।”
योगेश्वर दत्त ने आगे कहा, “मुझे जंतर मंतर पर धरने का नेतृत्व करने के लिए कहा गया था। इसके लिए मुझे हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद का लालच भी दिया गया था। यह सारा खेल फेडरेशन पर कब्जे को लेकर किया गया है।”
योगेश्वर दत्त ने कहा कि जब पहलवानों के आरोपों के बाद जाँच कमिटी बनी थी, तब उसमें उन्हें सदस्य चुना गया था। उस समय 4 पहलवान और 3 कोच देर रात 9 बजे उनके घर पर आए और धरने को लीड करने के लिए कहा। दत्त ने कहा कि उन लोगों ने हरियाणा कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनवाने का लालच देते हुए कहा कि बृजभूषण सिंह को हटाना है और फेडरेशन पर कब्जा करना है।
योगेश्वर दत्त आगे बताते हैं, “मैंने कहा था कि लड़कियों पर शोषण के मामले के बीच मुझे कोई पद नहीं चाहिए। इस बातचीत का मकसद सिर्फ यही था कि बृजभूषण सिंह को हटाना है।” उन्होंने कहा कि अभी जो कष्ट निवारण कमेटी बनी थी, उसी में से एक कोच उनके घर आया था। दत्त ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे उन पहलवानों और कोचों के नामों का खुलासा करेंगे।
योगेश्वर दत्त ने कहा, “पहले धरने में आपने रवि दहिया, दीपक पूनिया समेत तमाम पहलवानों को किस तरह से बुलाया था, वह भी हमें पता है। उन पहलवानों पर कहाँ-कहाँ से आपने कितना दबाव डलवाया, यह सब भी हम जानते हैं। इस बार भी आपने खूब कोशिश की, लेकिन आप के आंदोलन में कोई नहीं आया। सभी को सच्चाई मालूम हो गई है। यह सच्चाई मुझे पहले दिन से ही पता थी।”
धरना देने वाले पहलवानों को लेकर दत्त ने आगे कहा, “आज हरियाणा का कोई भी पहलवान आपके साथ नहीं है। पहले भी कोई नहीं था। खाप पंचायतों और किसान संगठनों को जो आपने बताया, वह आपके बहकावे में आ गए। वे आपसे बिना कुछ पूछे आपके साथ लगे रहे। आज वे अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।”
विनेश फोगाट ने आरोपों का जवाब देते हुए योगेश्वर दत्त ने कहा, “उन्होंने लगाए कि मैंने कई शिकायतकर्ता खिलाड़ियों और उनके माँ-बाप को फोन किया और उनसे शिकायत वापस लेने के लिए कहा। मैं विनेश से यही कहूँगा कि जिन लड़कियों के पास मैं गया, उन्हें सामने आना चाहिए। जिन पहलवानों के माँ-बाप को मैंने फोन किया, उन्हें भी सामने आना चाहिए।”
योगेश्वर दत्त ने कहा कि उनसे खुद मिलने के लिए कई खिलाड़ी और उनके माँ-बाप आए थे। उन्होंने कहा, “वे लो मुझसे बोले कि योगेश्वर जी, हमें इस मामले में फँसाया जा रहा है। हमें नहीं पता था कि यह ऐसे करेंगे। हमारी बेटियों को बहला-फुसलाकर यहाँ लेकर आए थे। तीसरी पहलवान ने भी यही बात कही थी कि हमें फेडरेशन में जाकर अपनी बातें मनवानी है, यह कहकर वहाँ ले जाया गया था और हमें जंतर मंतर पर ले जाकर बैठा दिया।”
योगेश्वर दत्त ने आगे बताया, “इसी पहलवान के पिता ने मुझे फोन करके बताया कि विनेश फोगाट ने उस पहलवान की मम्मी के पास फोन किया था और भला-बुरा कहते हुए कहा कि तुमने शिकायत से नाम वापस क्यों लिया? तुम पीछे क्यों हट गई?” योगेश्वर दत्त ने फिर जोर देकर कहा कि ये सारा खेल फेडरेशन पर कब्जे को लेकर था।