2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) के मात देने के लिए पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई जिसमें कांग्रेस (Congress) समेत 15 पार्टियां शामिल हुईं, लेकिन बैठक के बाद जो नजारा दिखा उसने विपक्ष की एकता का सच सब के सामने ला दिया. बिहार के पटना में विपक्ष ने अपनी ताकत दिखाने के लिए एक अहम बैठक की. कांग्रेस समेत 15 पार्टियों ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, 450 सीटों पर साझा उम्मीदवार, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों पर अहम चर्चा की. मीटिंग के बाद विपक्ष की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी हुई. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उसमें नहीं शामिल हुए. आम आदमी पार्टी ने कहा कि अध्यादेश पर जब तक साथ नहीं मिलेगा, तब तक आगे की मीटिंग्स में शामिल नहीं होंगे.
बता दें कि विपक्ष की एकता में मजबूती आने से पहले ही गांठें खुलने लगी हैं. बैठक के बाद हुई साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने दूरी बनाई और आम आदमी पार्टी एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि अध्यादेश पर जब तक कांग्रेस अपना रूख साफ नहीं करेगी तब तक हम आगे की रणनीति में शामिल नहीं होंगे.
जान लें कि विपक्ष की इस बैठक पर बीजेपी ने भी कटाक्ष किया है. बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि आने वाले दिनों में विपक्षी एकता कहीं दिखाई नहीं देगी और ना ही उनका महागठबंधन नजर आएगा. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान नीतीश कुमार और लालू यादव को जेल भेजे जाने का जिक्र करते हुए उनकी सियासत पर ही सवाल उठा दिए.
बीजेपी ने सवाल पूछा है कि महागठबंधन की कमान किसके हाथ में होगी. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बारात का दूल्हा कौन है, अगर 2024 में आप आए हैं तो आपका दूल्हा कौन है ये तो मुझे बताइए. बीजेपी ने इसे भ्रष्टाचारियों की बैठक करार दिया.
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जनता किस रूप में देख रही है. वहां भ्रष्टाचारियों का परिवारवादियों का जुटान है. इस बीच, बीजेपी ने दावा किया कि 2024 का चुनाव भी बीजेपी ही जीतेगी.