नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के बाद से सियासी दलों में बयानबाजी जारी है. भाजपा ने तेजस्वी यादव का इस्तीफा तक मांग लिया है. इस बीच तेज प्रताप यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सभी हथकंडे भाजपा-आरएसएस के लोग इस्तेमाल कर रहे हैं.
तेज प्रताप यादव ने कहा कि महागठबंधन में मजबूती है, इलसिए ये लोग हताश हो गए हैं. भाजपा का पतन शुरू हो गया है… नरेंद्र मोदी ने देश को लूट लिया, वह इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं? तेजस्वी यादव को इस्तीफा क्यों देना चाहिए? बताते चलें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई ने सोमवार को राजद प्रमुख लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.
सीबीआई की कार्रवाई पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राजद नेता को ‘राजनीतिक शिकार’ बना रही है. इस मामले में सीबीआई का दूसरा आरोपपत्र तेजस्वी यादव के खिलाफ बिना किसी सबूत के दायर किया गया. सीबीआई ने पहले कहा था कि इसमें उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है…. लेकिन जब अगस्त 2022 में राजद और जदयू तथा अन्य दलों के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन सरकार बनाई गई ….तो केंद्र सरकार ने अपने ‘तोते’ (सीबीआई) और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपमुख्यमंत्री के खिलाफ का इस्तेमाल शुरू कर दिया.
#WATCH | On RJD chief Lalu Yadav, Rabri Devi & Tejashwi Yadav named in chargesheet filed by CBI in land-for-jobs alleged scam case, Bihar Minister Tej Pratap Yadav says, "All these tactics are being used by people of BJP-RSS. They can see that the Mahagathbandhan is intact so… pic.twitter.com/3gJfNP1CjD
— ANI (@ANI) July 4, 2023
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने ‘नौकरी के बदले जमीन’ लेने संबंधी घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई की कार्रवाई के बाद कहा था कि तेजस्वी यादव को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर देना चाहिए. तेजस्वी यादव पर सीबीआई द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने के बाद नीतीश कुमार को अविलम्ब तेजस्वी को बर्खास्त करना चाहिए.
सुशील मोदी ने कहा कि जब लालू यादव पर मुख्यमंत्री रहते चारा घोटाला मामले में आरोपपत्र दाखिल हुआ था, तब नीतीश कुमार और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लालू के इस्तीफे की मांग की थी. नीतीश कुमार भ्रष्टाचार से समझौता करेंगे या भ्रष्टाचार के आरोपी को बर्खास्त करेंगे, देखना
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004-2009 में संप्रग सरकार में लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर पसंदीदा लोगों को रेलवे में नियुक्त किया गया. एजेंसी के मुताबिक, रेलवे में नौकरी के बदले में अभ्यर्थियों ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को बाजार भाव से काफी कम दरों पर जमीन बेची थी.