महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आया हुआ है। एक तरफ पवार परिवार की कलह सार्वजनिक हो चुकी है और अजित पवार महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा बन गए हैं, वहीं दूसरी तरफ सीएम एकनाथ शिंदे इस बात से नाराज हैं कि एनसीपी को सरकार में शामिल कर लिया गया। मिली जानकारी के मुताबिक, सीएम शिंदे नागपुर दौरा रद्द करके मुंबई लौट आए हैं और अब वह सांसदों और विधायकों से मीटिंग करेंगे। सीएम शिंदे राष्ट्रपति के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए। खबर ये भी है कि शिंदे गुट बीजेपी पर दबाव बना रहा है कि बड़े विभाग एनसीपी को ना दिए जाएं।
क्या है पूरा मामला
अजित कैंप के सरकार में शामिल होने से शिंदे सेना में बेचैनी बढ़ती जा रही है। सरकार में मलाईदार विभाग एनसीपी को ना मिलें, इसलिए शिंदे सेना बीजेपी पर दबाव बना रही है। वित्त, जल संसाधन और लोक निर्माण मंत्रालय एनसीपी को नहीं मिलनी चाहिए, इस तरह की मांग शिंदे सेना के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से की है।
दरअसल शिंदे सेना के विधायकों को डर है कि अगर अजित पवार को वित्त मंत्रालय दे दिया गया तो अजित दादा विकास फंड देने में परेशानी खड़े कर सकते हैं। शिंदे सेना में जो विधायक मंत्री बनने की आस लगाए हुए थे वह सबसे ज्यादा नाराज हैं।
विधायकों में बढ़ती इसी नाराजगी की वजह से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपना नागपुर दौरा बीच में छोड़कर मंगलवार रात मुंबई लौटना पड़ा था। मंगलवार देर रात तक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने मंत्रियों के साथ बैठक की और उन्हें समझाने की कोशिश की। आज शाम 7 बजे एकनाथ शिंदे अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे।
इस बैठक में विधायक अपनी नाराजगी के बारे में एकनाथ शिंदे को बताएंगे। शिंदे सेना के ज्यादातर विधायक बड़बोले हैं। खुलकर मंत्री बनने की अपनी इच्छा जताते हैं। एनसीपी के सरकार में शामिल होने के बाद विधायक मुखर होकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं।