कन्हैया हरितवाल शहर में गाेकाष्ठ से अंतिम संस्कार की शुरुआत हाे गई है। नगर निगम व एक संस्था के बीच हुए एमओयू के अनुसार संस्था ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। शहर के 11 श्मशान में अंतिम संस्कार केे लिए गाेकाष्ठ उपलब्ध करवाया जाएगा, इसके लिए संस्था ने इन श्मशान काे गाेद ले लिया है।
संस्था ने सबसे पहले बीटू बायपास स्थित श्मशान में गाेकाष्ठ के लिए गाेदाम भी बना लिया और इसकी शुरुआत भी हाे गई है। अंतिम संस्कार के दाैरान जहां पर 500 से 600 किलो लकड़ी लगती है वहीं गोकाष्ठ से मात्र 250 से 300 किलो में कार्य हो रहा है। वहीं लकड़ी की बजाय गाेकाष्ठ से 30 प्रतिशत कम कार्बन उत्सर्जन हाेता है। इस पहल से प्रदूषण फैलने में राेक ताे लग ही रही है और इसके साथ एक दाह संस्कार में गाेकाष्ठ उपयाेग करने से दाे पेड़ भी बच रहे हैं।
यह कार्य गोमय परिवार एवं अंशदानी फाउंडेशन जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। गाेकाष्ठ से अंतिम संस्कार करवाने के लिए संस्था ने ग्रेटर नगर निगम से एक एमओयू साइन किया। गोमय परिवार एवं अंशदानी फाउंडेशन के ट्रस्टी डाॅ. सीताराम गुप्ता ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जयपुर के इन मोक्षधामाें काे गोद लिए हैं। जिनमें से पहले मोक्षधाम बीटू बायपास पर वेयरहाउस बनाकर वहां गाेकाष्ठ रखवा दी है। आम जनता के लिए अभी नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसी के साथ कोटा में दो मोक्षधाम गोद लिए जाकर वहां भी विधिवत व्यवस्था प्रारंभ करवा दी गई।
पराली व गाय के गाेबर से तैयार कर रहे हैं गाेकाष्ठ
गोमय परिवार एवं अंशदानी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में गाेकाष्ठ एग्रीकल्चर वेस्ट पराली जो कि आज की सबसे बड़ी समस्या है तथा देसी गाय के गोबर के साथ कुछ हवन सामग्री मिलाकर गाेकाष्ठ तैयार किया जा रहा है।
लाेगाें काे जाेड़ने के लिए भरवा रहे हैं संकल्प पत्र
आमजन को गाेकाष्ठ का ज्यादा से ज्यादा उपयाेग के लिए प्रेरित करने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर संकल्प पत्र अभियान जयपुर से प्रारंभ किया है। भारत की एक प्रतिशत आबादी से संकल्प पत्र भरवाने का संस्था का लक्ष्य है। पहले चरण में प्रदेश में 10 लाख संकल्प पत्र भरवाए जाएंगे। दूसरे चरण में अन्य राज्याें में संकल्प पत्र भरवाए जाएंगे। संकल्प पत्र अभियान ऑनलाइन नि:शुल्क प्रारूप में रखा गया है।