असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा- राज्य सरकार बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है। अगले विधानसभा सत्र में इससे जुड़ा विधेयक पेश किया जाएगा।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हम राज्य में बहुविवाह पर तुरंत बैन लगाना चाहते हैं। सितंबर में होने वाले विधानसभा सत्र में इसे बैन करने का विधेयक पेश करेंगे। अगर किसी वजह से इस सत्र में बिल नहीं ला पाए तो इसे जनवरी में सदन में पेश किया जाएगा। ये बातें उन्होंने गुवाहाटी में मीडिया से बात करते हुए कहीं।
असम के सीएम का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में समान नागरिक संहिता (UCC) पर बहस चल रही है। इस दौरान उन्होंने UCC का भी करने समर्थन करने की बात कही।
हिमंत बिस्वा सरमा बोले- UCC पर फैसला संसद में होगा
सीएम बोले कि लॉ कमीशन ने इसके लिए लोगों से सुझाव मांगे हैं, संसद में इसे लागू करने के बारे में फैसला लिया जाएगा। राज्यों का भी इसमें योगदान होगा। अगर UCC आ गया तो यह हमें कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून UCC में विलय हो जाएगा।
इस दौरान मीडिया ने सरमा से UCC पर कांग्रेस के रुख पर सवाल किया। जवाब में असम के मुख्यमंत्री ने कहा- क्या कोई कांग्रेस का नेता अपनी बेटी ऐसे पुरुष को देगा जिसकी पहले से ही 2 पत्नियां हों? कांग्रेस मुस्लिम महिलाओं का दुख नहीं समझ रही है, सिर्फ मुस्लिम पुरुषों के लिए काम कर रही है।
UCC पर सुझाव भेजने की आखिरी तारीख कल
लॉ कमीशन ने 14 जून 2023 को UCC पर सार्वजनिक रूप से लोगों और संगठनों के सुझाव मांगे थे। आयोग का मानना है कि यह मुद्दा देश के हर नागरिक से जुड़ा है, ऐसे में कोई फैसला लेने से पहले उनकी राय जानना जरूरी है। UCC पर सुझाव देने की आखिरी तारीख 14 जुलाई है।
10 जुलाई की शाम तक कमीशन को UCC पर 46 लाख सुझाव मिल चुके हैं। इनमें से कुछ लोगों और संगठनों के सुझावों पर बात करने के लिए आयोग ने उन्हें निजी तौर पर बुलाया है। कुछ लोगों को इसके लिए न्योता भी भेजा जा चुका है।
सीएम ने लिया था बाल विवाह पर कार्रवाई का फैसला
अगर असम में बहुविवाह से जुड़ा विधेयक सदन में आता है तो राज्य सरकार का शादियों से जुड़े मामलों में यह सालभर में दूसरा बड़ा कदम होगा। इससे पहले 23 जनवरी 2023 में असम सरकार ने 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई करने का फैसला किया था।
सीएम के इस फैसले के एक महीने के भीतर असम पुलिस ने राज्य में 3000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से ज्यादातर नाबालिग दुल्हनों के पति और उनके परिवार के पुरुष सदस्य थे।
जब इन गिरफ्तारियों का विरोध शुरू हुआ तो सीएम ने यहां तक कह दिया- आपके पास दो विकल्प है, या तो मुझे यहां से हटा दो या बाल विवाह बंद करो, तीसरा कोई विकल्प नहीं है। अपराधियों को हर छह महीने में गिरफ्तार किया जाएगा।
2026 तक बाल विवाह पर नया कानून लाने पर विचार
सीएम सरमा ने फरवरी 2023 में कहा था कि हमारा रुख स्पष्ट है, असम में बाल विवाह को रुकना चाहिए। बाल विवाह के खिलाफ हम नया कानून लाने के बारे में चर्चा कर रहे हैं। 2026 तक हम बाल विवाह के खिलाफ नए कानून लाने पर विचार कर रहे हैं, जहां जेल की अवधि दो साल से बढ़ाकर 10 साल की जाएगी।
असम में बाल विवाह के खिलाफ अभियान में गिरफ्तारियां 5वें दिन जारी रहीं। 4,074 FIR को लेकर 3,015 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अभियान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के बावजूद राज्य सरकार का रुख सख्त है। इस बीच, दहशत में आए बहुत से लोगों ने अपने बच्चों की प्रस्तावित शादी टाल दी है। रिश्तेदारों को विवाह टालने की सूचनाएं दे दीं हैं।