शहर के रसूलपुरा स्थित मदरसा दायरतुल इस्लाह चिरागे उलूम के प्रबंधक को मुस्लिम महिला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चप्पलों से पीट दिया। मैदागिन पराड़कर भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान पहुंची महिला ने मदरसा प्रबंधक रिजवान अहमद की चप्पल से पिटाई शुरू कर दी। इस घटना के चलते काफी देर तक हंगामें की स्थिति बनी रही। इस दौरान प्रबंधक के लोगों ने भी महिलाओं के साथ मारपीट की। मदरसा दायरतुल इस्लाह चिरागे उलूम के प्रबंधक रिजवान अहमद और उसके सहयोगी बेलाल अहमद के खिलाफ छेड़खानी और छल सहित अन्य आरोपों में मदरसे की शिक्षिका ने पहले ही जैतपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। अपने ऊपर लगे आरोपों पर मदरसा प्रबंधक मीडिया में सफाई दे रहे थे।
पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि स्थायी शिक्षिका के तौर पर उसकी नियुक्ति को लेकर प्रबंधक रिजवान अहमद ने 15 लाख रुपये की मांग की थी। रुपये न देने पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी जोर डाल रहा था। विरोध करने पर मारपीट किया। जिसकी वजह से गर्भपात भी हो गया। महिला वर्ष 2009 से रसूलपुरा स्थित मदरसा में अस्थायी शिक्षिका के तौर पर पढ़ा रही हैं। महिला द्वारा 28 जून को ही जैतपुरा थाने में तहरीर दी गई थी, लेकिन मुकदमा नहीं दर्ज हुआ। 12 जुलाई को उन्होंने जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम खून से चिठ्ठी लिखकर न्याय की गुहार लगाई तो शाम में उन्हें मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिली। अगले दिन थाने में जाकर अपना बयान दर्ज कराया।
इंस्पेक्टर कोतवाली अश्वनी चतुर्वेदी ने बताया कि महिला की तहरीर के आधार पर रिजवान अहमद सहित दो के खिलाफ छेड़खानी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है। मामले की जांच की जा रही है। उधर रिजवान अहमद ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। नियुक्ति संबंधित आवेदन गलत भरा गया था। नियुक्ति कमेटी ने आवेदन को निरस्त कर दिया था। मौलाना की पिटाई का मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बना है।