दरअसल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर फर्जी वीडियो कॉल के जरिए पैसे ऐंठने की घटना हुई है. हालांकि शिकायत के बाद 40,000 रुपये केरल पुलिस साइबर ऑपरेशन विंग ने बरामद कर लिए हैं.
कोझिकोड के मूल निवासी राधाकृष्णन को व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर 40,000 रुपये ऐंठ लिए गए. वीडियो कॉल में आंध्र प्रदेश में उसके साथ काम करने वाले शख्स का हमशक्ल नजर आया. घोटालेबाज ने उन लोगों के नाम भी बताए जिन्हें वह (राधाकृष्णन) जानता था और उसे विश्वास दिलाया. जालसाज ने दावा किया कि वह दुबई में है और उसे अपने रिश्तेदार के इलाज के लिए पैसे की जरूरत है और वह घर पहुंचते ही पैसे वापस कर देगा.
40,000 रुपये मांगने वाले व्यक्ति ने दोबारा 35,000 रुपये मांगे, तो उसे (राधाकृष्णन) संदेह हुआ. फिर उसने सीधे अपने दोस्त से संपर्क किया तो उन्हें घोटाले के बारे में पता चला. पुलिस हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज शिकायत के आधार पर, केरल पुलिस की साइबर ऑपरेशंस विंग द्वारा जालसाजों से उनकी खोई हुई पूरी राशि बरामद की गई.
कोझिकोड के डिप्टी कमिश्नर केई बैजू ने मीडिया को बताया कि यह देश में धोखाधड़ी का पहला तरीका है. डीसीपी ने कहा कि यह घोटाला एक सामान्य व्हाट्सएप ग्रुप में एक फोन को हैक करके और ग्रुप के सदस्यों की जानकारी लेकर किया गया.
पुलिस का कहना है कि ऐसा लगता है कि घोटालेबाज ने उस व्हाट्सएप ग्रुप में किसी का नंबर हैक कर लिया, जिससे वे जुड़े थे. पुलिस रिपोर्ट देने पर शिकायतकर्ता को पैसा वापस मिल जाएगा. धोखाधड़ी वाले बैंक खाते की पहचान कर ली गई है. डीसीपी ने यह भी कहा कि पुलिस को आरोपियों के बारे में गुप्त सूचना मिली थी.
जालसाजों ने गुजरात से महाराष्ट्र के बैंक में पैसा ट्रांसफर किया. धोखाधड़ी समूह द्वारा संपर्क किए गए अन्य लोगों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे. डीसीपी ने यह भी कहा कि लोगों को सीधे तौर पर अनजान लोगों की फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करनी चाहिए.
कोझिकोड के डिप्टी कमिश्नर केई बैजू ने अपरिचित वीडियो और ऑडियो कॉल के माध्यम से वित्तीय सहायता के अनुरोधों का जवाब नहीं देने का अनुरोध किया है. अगर आपको ऐसे फर्जी कॉल आते हैं, तो आपको तुरंत इसकी जानकारी केरल साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर देनी चाहिए. यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध है.