दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन अगले महीने होना है। इस बीच रूसी विदेश मंत्रालय ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर बयान जारी किया है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिक्स देश अगले महीने होने वाले शिखर सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे, जिनमें सीमा पार वाणिज्य के लिए दीर्घकालिक भुगतान प्रणाली की स्थापना पर चर्चा होगी।
रूसी विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, 22 से 24 अगस्त के बीच दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में होने वाले शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय स्थिति को देखते हुए इस मुद्दे को नेताओं की आगामी बैठक के दौरान संबोधित किया जाएगा।
रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार, सीमा पार वाणिज्य में राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग उनकी प्रतिबंधित परिवर्तनीयता और अमेरिकी डॉलर की तुलना में उच्च अस्थिरता जैसी चीजों से बाधित होता है। सरकार ने यह भी स्वीकार किया है कि संभवतः नई ब्रिक्स साझा मुद्रा लॉन्च करना एक नाजुक प्रक्रिया होगी।
वैकल्पिक मुद्राओं पर रहेगा फोकस
दरअसल, ब्रिक्स देश आपसी व्यापार में अमेरिकी डॉलर से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, कई विकासशील देशों जैसे रूस, चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ने व्यापार में वैकल्पिक मुद्राओं की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है।
22 से 24 अगस्त तक चलेगा शिखर सम्मेलन
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 22 से 24 अगस्त तक के बीच सैंडटन कन्वेंशन सेंटर में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
सम्मेलन में वर्चुअली हिस्सा लेंगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने जानकारी दी थी कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शिखर सम्मेलन के लिए उनके देश की यात्रा नहीं करेंगे। हालांकि, बाद में क्रेमलिन ने ये साफ किया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन शिखर सम्मेलन में वर्चुअली हिस्सा लेंगे। बताते चलें कि पहला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2009 में रूस में आयोजित किया गया था। ब्रिक्स के गठन के बाद दक्षिण अफ्रीका को 2010 में समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।