असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य के गोलाघाट में सामने आई तिहरे हत्याकांड की घटना को ‘लव जिहाद’ का दुष्परिणाम करार दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस मामले में असम पुलिस 15 दिनों के भीतर चार्जशीट दायर करेगी। उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह ‘लव जिहाद’ का मामला है। जहाँ मृतक हत्यारा समुदाय से था, वहीं तीनों मृतक हिन्दू परिवार के थे। CM सरमा ने बताया कि फेसबुक पर नजीबुर रहमान ने खुद को हिन्दू बता कर संघमित्रा घोष से जान-पहचान की थी।
उन्होंने ये जानकारी दी कि जब नजीबुर रहमान और संघमित्रा घोष कोलकाता भागे थे, तब उसने महिला को भी ड्रग्स का इस्तेमाल करना सिखा दिया। उन्होंने बताया कि नजीबुर रहमान बोरा ड्रग्स का आदी था और प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी भी करता था। उन्होंने बताया कि महिला को ड्रग्स इंजेक्ट किया गया था, जिसके प्रभाव में आकर बेसुध हालत में महिला को गर्भवती कर दिया गया। मुख्यमंत्री ये जानकारी भी दी कि महिला जब उसके पास रहने गई थी, तब उसे प्रताड़ित भी किया गया था।
#WATCH | Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma meets family members of triple murder case victim Golaghat. pic.twitter.com/rnsYiWOlYM
— ANI (@ANI) July 26, 2023
इसकी शुरुआत जून 2020 में हुई, जब नजीबुर रहमान ने फेसबुक के माध्यम से संघमित्रा से दोस्ती की। ये वो समय था, जब कोरोना संक्रमण अपने शिखर पर था और देश भर में लॉकडाउन लगा हुआ था। अक्टूबर 2020 आते-आते दोनों एक-दूसरे से प्रेम करने लगे और कोलकाता भाग कर उन्होंने शादी तक कर ली। हालाँकि, संघमित्रा के परिजनों को ये रिश्ता बिल्कुल भी पसंद नहीं था। इसके बावजूद उसने नजीबुर रहमान से कोर्ट में शादी कर ली थी।
माता-पिता ने बेटी के खिलाफ चोरी का मामला भी दर्ज कराया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और एक महीने उसे न्यायिक हिरासत में गुजारने पड़े। इसके बाद संघमित्रा घर लौट आई थी और अपने माता-पिता के साथ रहने लगी थी। लेकिन, जनवरी 2022 में दोनों एक बार फिर से भाग गए थे। जब अगस्त में दोनों लौटे तब संघमित्रा गर्भवती थी। दोनों 5 महीने चेन्नई में रहे थे। नवंबर में नजीबुर रहमान के घर में ही संघमित्रा ने एक बेटे को जन्म दिया।
मार्च 2020 में दोनों में फिर से झगड़ा हुआ और संघमित्रा अपने बेटे के साथ माँ-बाप के पास रहने चली गई। नजीबुर रहमान पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उसके विरुद्ध FIR भी दर्ज की गई थी। 28 दिन बाद आखिरकार उसे जमानत मिली और वो बाहर निकला था। जेल से निकलने के बाद वो बार-बार बच्चे से मिलने की जिद कर रहा था, लेकिन संघमित्रा के माता-पिता ने मना कर दिया। 29 अप्रैल को नजीबुर रहमान के भाई ने संघमित्रा के परिजनों पर मारपीट का आरोप लगाया।
सोमवार (24 जुलाई, 2023) को दोनों पक्ष एक बार फिर से भिड़े। नजीबुर ने न सिर्फ संघमित्रा, बल्कि अपने ससुर संजीव घोष और सास जुनू घोष का भी क़त्ल कर डाला। फिर वो अपने 9 महीने के बच्चे को लेकर भाग गया। अंततः उसे थाने में सरेंडर करना पड़ा। कुल्हाड़ी से काट कर इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया। तीनों के शव खून से लथपथ अवस्था में मिले। नजीबुर रहमान ने काफी निर्ममता से तीनों को कुल्हाड़ी से काट डाला था। तीनों के शरीर पर कई जख्म मिले हैं।