भड़काऊ भाषण देने के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को झटका लगा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में आजम खान की याचिका खारिज कर दी है। अब आजम खान को अपनी आवाज का नमूना रिकॉर्ड कराना पड़ेगा। इससे पहले रामपुर जनपद के एमपी-एमएलए न्यायालय ने आदेश दिया था कि आज़म खान अपनी आवाज का नमूना रिकॉर्ड कराएं। एमपी-एमएलए न्यायालय के उस आदेश को आज़म खान ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
बता दें कि वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान आजम खान ने भड़काऊ भाषण दिया था। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान आजम खान ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए भड़काऊ भाषण दिया और इस दौरान कई आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया था। इसके बाद रामपुर जनपद के धीरज कुमार सिंह ने जनपद के टांडा थाने में आजम खान के खिलाफ इस एफआईआर दर्ज कराई थी।
विवेचना के बाद आजम खान के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया था। इस मामले में रामपुर जनपद न्यायालय के एमपी-एमएलए न्यायालय में जब मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई तब ट्रायल के दौरान बात सामने आई कि भाषण की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग को विवेचक ने केस डायरी का हिस्सा बनाया, लेकिन आरोप पत्र में रिकॉर्डिंग का जिक्र नहीं है।
रामपुर के एमपी-एमएलए न्यायालय ने आजम खान की आवाज का नमूना रिकॉर्ड कर सीडी में रिकॉर्ड ऑडियो से मिलान कराने का आदेश दिया। आजम खान ने आदेश के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई। न्यायालय ने 29 अक्टूबर 2022 को आपत्ति खारिज कर दी। न्यायालय ने आदेश दिया कि आजम खान अपनी आवाज का नमूना रिकॉर्ड कराएं। न्यायालय के उस आदेश को आजम खान ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दिया।