वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में कल सुबह 7 बजे से एएसआई की टीम सर्वे का काम शुरू कर देगी। दिल्ली में एएसआई की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। आज रात एएसआई की टीम वाराणसी पहुंच जाएगी। इलहाबाद हाईकोर्ट ने आज एएसआई सर्वे को लेकर अपना फैसला सुनाया और अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने वाराणसी की जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
सर्वे के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं-कोर्ट
हाईकोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश पारित करते हुए कहा कि एएसआई के इस आश्वासन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि ढांचा क्षतिग्रस्त नहीं होगा, लेकिन उसने साथ ही कहा कि सर्वेक्षण के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं का जानी चाहिए। इससे पूर्व, 27 जुलाई को सुनवाई के दौरान एएसआई के अपर निदेशक आलोक त्रिपाठी ने अदालत को बताया था कि एएसआई ढांचे की खुदाई नहीं करेगा।
#WATCH | ASI has sought help from the District Administration to start survey (of the Gyanvapi mosque complex) from tomorrow. We will give them all possible help to execute the court's order. Our security deployment plan is in place: Varanasi DM S Rajalingam pic.twitter.com/y5p3tvZdyF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 3, 2023
मलबा हटाने के लिए उपकरण लेकर गए-एएसआई
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा था, ‘‘हमने खुदाई के विभिन्न उपकरणों के फोटोग्राफ संलग्न किए हैं जिन्हें एएसआई की टीम मस्जिद परिसर लेकर पहुंची थी। यह दिखाता है कि उनका इरादा खुदाई करने का था।” इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि यद्यपि वे अपने साथ उपकरण ले गए, लेकिन इससे नहीं लगता कि उनका इरादा खुदाई करने का है। इसके बाद एएसआई के अपर निदेशक आलोक त्रिपाठी ने स्पष्ट किया था कि चूंकि टीम पहली बार मस्जिद वाले स्थान पर गई थी, इसलिए वे अपने साथ कुछ उपकरण लेकर गए, लेकिन खुदाई के लिए नहीं, बल्कि स्थल से मलबा हटाने के लिए।
जिला अदालत का आदेश उचित-हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि विवादित परिसर के सर्वेक्षण को लेकर जिला अदालत का आदेश उचित है और इस अदालत द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप वांछित नहीं है। सर्वेक्षण पर पूर्व में लगी रोक हटाई जाती है और एएसआई अब सर्वेक्षण का काम शुरू कर सकता है। हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि उसके इस निर्णय के साथ जिला अदालत का सर्वेक्षण का आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है।