स्वाभाविक रूप से हिंदुओं ने इसका विरोध किया, तो अब उनकी गिरफ्तारी होने लगी है। भागलपुर में मंदिर पर हुए हमले के विरोध में भाजपा नेता रोहित पांडे अनशन पर बैठे तो पुलिस ने उन्हें जबरन उठाकर बंद कर दिया। यहीं नहीं, पुलिस वालों ने उन्हें घसीटा भी। इसके साथ ही वहां मौजूद पत्रकारों से भी पुलिस वाले उलझ गए। कइयों के साथ धक्का—मुक्की भी की गई।
बता दें कि अभी ईद के दौरान हुई घटनाओं का खौफ समाप्त भी नहीं हुआ था कि पूरे बिहार में मुहर्रम के मौके पर हुईं हिंसा की घटनाओं ने हिंदुओं को बुरी तरह डरा दिया है। साक्ष्य बता रहे हैं कि मुहर्रम के पहले से ही हिंसा की जबरदस्त तैयारी थी। जिहादियों ने दरभंगा में जलती चिता से उठाकर लाश को फेंक दिया। यही नहीं, लाश के ऊपर पेशाब किया गया और उसे पीटा भी गया। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए कई स्थानों पर जबरदस्ती मुहर्रम का झंडा गाड़ा गया। मुजफ्फरपुर में तिरंगा के साथ छेड़छाड़ हुई। तिरंगा से अशोक चक्र को गायब कर चांद-सितारा लगा दिया गया। महिलाओं और लड़कियों के लिए यह मुहर्रम मनहूस साबित हुआ। अररिया में ताजिया देखने गई किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। वहीं दरभंगा में ताजिया देख रही किशोरी को गोली लग गई। भागलपुर में हुए बम विस्फोट में लड़की घायल हो गई। एक अनुमान के मुताबिक इस वर्ष मुहर्रम में दर्जनभर लोगों की जान चली गई। लेकिन इन सब घटनाओं से बेफिक्र होकर प्रतिबंधित क्षेत्र में लालू प्रसाद ने ताजिया जुलूस निकलवाया और अपने घर में ताजिया की इबादत की। सोशल मीडिया में राबड़ी देवी का वह वीडियो खूब वायरल हुआ, जिसमें वह ताजिए की इबादत कर रही हैं। ऐसा पहली बार हुआ है। लोग कह रहे हैं कि पुत्र तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लालू और राबड़ी मुस्लिम तुष्टीकरण की सारी सीमाएं लांघ रहे हैं। इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाईचारा यात्रा निकाल कर पीड़ित लोगों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं।
बिहार में जिहादियों ने विशेषकर लड़कियों को निशाने पर लिया। 29 जुलाई को दरभंगा के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के गिदरगंज मुहल्ले में 15 वर्षीया प्रिया कुमारी को गोली मारी गई। पोठिया बसुआरी गांव निवासी देवी पासवान की पुत्री बांध के किनारे खड़ी होकर ताजिया का करतब देख रही थी। अचानक पटाखे जैसी आवाज हुई और प्रिया की कमर से खून बहने लगा। तत्काल उसे दरभंगा मेडिकल काॅलेज हाॅस्पीटल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसकी कमर से गोली निकाल दी। इसी प्रकार भागलपुर के नवगछिया में ताजिया जुलूस मक्का-तकिया बाजार पहुंचा। वहां जोरदार धमाका हुआ। इसमें राधा कुमारी गंभीर रूप से घायल हो गई। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि घर में बिजली नहीं रहने के कारण वे लोग बाहर बैठे हुए थे। इसी दौरान ताजिया जुलूस जा रहा था। जुलूस से किसी ने एक बम फेंका जिसके कारण राधा घायल हो गई। शंकर चैधरी की पुत्री राधा कुमारी की दायीं आंख में छर्रा लगा। जब नगर थाना पुलिस एक मुसलमान युवक को पकड़ कर अपनी गाड़ी से थाना ले जाने का प्रयास कर रही थी तभी कुछ लोगों ने पुलिस का घेराव कर उसे छुड़ा लिया। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण अररिया की घटना रही। वहां ताजिया देखने गई 17 वर्षीय किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना घटी। पीड़िता की मां ने बताया कि 28 जुलाई को फारबिसगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में मुहर्रम का करतब चल रहा था। वहीं उसकी बेटी भी गई थी। जहां से वह अचानक गायब हो गई। काफी पड़ताल के बाद बगल के खेत में वह नग्न अवस्था में मिली। जब लोग वहां पहुंचे तो देखा कि दो युवक भाग रहे हैं। उन लोगों ने गांव वालों की मदद से उन्हें पकड़ लिया। पकड़े गए युवकों में 22 वर्षीय मोहम्मद अशफाक, अब्बा- मो. बजीर और 23 वर्षीय मोहम्मद मुमताज, अब्बा- मोहम्मद खुर्शीद है। ये दोनों अररिया के ही नरपतगंज प्रखंड के धुरना थाना की पतरा पंचायत के अंतर्गत मोती टप्पू वार्ड संख्या-14 के निवासी हैं। दोनों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
असामाजिक तत्वों ने मुहर्रम के दौरान मंदिरों और प्रतीक चिह्नों को भी नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भागलपुर में विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के परबत्ती मुहल्ले में अवस्थित ऐतिहासिक बुढ़िया काली महारानी मंदिर पर पथराव किया गया। 30 जुलाई की सुबह 3 बजे यह घटना घटी। दान पेटी और दरवाजों को भी क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया गया। कैमूर के भभुआ शहर में ताजिया जुलूस के दौरान धार्मिक स्थल पर पत्थरबाजी हुई। रास्ते में खड़े कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। मुजफ्फरपुर में तो जिहादियों ने तिरंगे का अपमान किया। बरियापुर ओपी क्षेत्र के गौरिहार गांव के वार्ड संख्या 4 में सड़क किनारे एक घर पर तिरंगा लगाया गया था। लेकिन, उसमें अशोक चक्र के स्थान पर चांद-तारा बना दिया गया था। इस मामले में मोहम्मद बदरूल हसन एवं अज्ञात को आरोपी बनाया गया है।
जिहादियों ने पुलिस को भी अपने निशाने पर लिया। मोहम्मद अब्दुल अकेला के गाने ‘मियां डरता नहीं पुलिस थाने से’ पर थिरकते जिहादियों ने लगता है कि इसे अपना ध्येय ही बना लिया था। गया जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र डुमरिया प्रखंड में ताजिया ले जाने के दौरान झड़प हो गई। आपसी रोड़ेबाजी में पुलिस अवर निरीक्षक शेर सिंह के सिर पर एक पत्थर लगा। जिससे वह लहू-लुहान हो गए। उन्हें पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी प्रकार अरवल जिले के रोजापर नामक स्थान पर दो अखाड़ों के बीच बहलान के क्रम को लेकर विवाद हुआ। इसमें छह युवकों को मामूली चोट आई, लेकिन गश्त कर रहे दंडाधिकारी के होठ पर चोट लगी।
ऐसा लगता है कि जिहादियों ने अपना केन्द्र दरभंगा को बना लिया है। यहां 21 जुलाई से ही विवाद शुरू हो गया था। 21 जुलाई को बिरौल थाना क्षेत्र में मुहर्रम का झंडा लगाने का विवाद हुआ। 23 जुलाई दोपहर 12 बजे मब्बी थाना क्षेत्र के शिवधारा चौक पर भी झंडा लगाने को लेकर विवाद हुआ। 23 जुलाई को रात्रि 12 बजे कमतौल थाना क्षेत्र के मालपट्टी गांव में शव को जलती चिता से फेंका गया। 24 जुलाई को रात्रि में कमतौल थाना क्षेत्र में ही मुहर्रम के जुलूस में उत्तेजक गाने को लेकर विवाद हुआ। 25 जुलाई को मणिगाछी थाना क्षेत्र के इजरहटा गांव के मट्ठाराही टोल में जबर्दस्त विवाद हुआ। 26 जुलाई की रात्रि में सिमरी थाना क्षेत्र के बनौली गांव में मुहर्रम झंडा को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हुए। 29 जुलाई को दरभंगा के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के गिदरगंज मुहल्ले में एक नाबालिग लड़की को गोली मारी गई।
वरिष्ठ पत्रकार राकेश प्रवीर इन घटनाओं को सत्ता समीकरण से जोड़कर देखते हैं। बिहार में जबसे सत्ता का समीकरण बदला है, तबसे बिहार में सांप्रदायिक शक्तियां हावी हो गईं हैं। मुहर्रम और ईद-बकरीद हर वर्ष मनाए जाते हैं, लेकिन इतना हंगामेदार और हिंसक कभी कोई त्योहार नहीं रहा। मीडिया में तो खबरें छन कर बाहर आ रही हैं तब यह हाल है। अगर वास्तविकता सामने आ गई तो स्थिति विस्फोटक हो हो सकती है।
बिहार में मुहर्रम के दौरान हुईं घटनाओं को लेकर बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मिले थे। उन्होंने गृहमंत्री को पूरी जानकारी देते हुए बताया था हिंदुओं को चुन—चुन कर निशाने पर लिया जा रहा है। पुलिस भी हिंदुओं की गिरफ्तारी कर रही है, जबकि दोषी खुलेआम घूम रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव इन घटनाओं से इस तरह आंख मूंद लेते हैं, मानो उन्हें इनसे काई फर्क नहीं पड़ने वाला।