महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने नूंह सांप्रदायिक हिंसा के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने पर सवाल उठाए हैं। अबू आजमी ने बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर का जिक्र करते हुए कहा है कि जब कोई किसी को भड़काएगा तो एक्शन का रिएक्शन होगा ही, लेकिन ऐसे मामलों में सिर्फ मुसलमानों को निशाना बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि 80 फीसदी की मुस्लिम आबादी वाले नूंह में इससे पहले कभी दंगे नहीं हुए थे, लेकिन गलत बातें बोलने वालों की वजह से हिंसा भड़क गई।
‘यह खट्टर सरकार और स्थानीय प्रशासन की नाकामी है’
अबू आजमी ने कहा, ‘यह खट्टर सरकार और स्थानीय प्रशासन की पूरी नाकामी है। जब मोनू मानेसर उकसावे का वीडियो बनाकर नूंह आने की बात कह रहा था, हिंदू जुलूस में तलवार और चाकू लहराते हुए जा रहे थे, तो शासन ने उन्हें रोका क्यों नहीं? जब आप किसी को भड़काएंगे तो एक्शन का रिएक्शन होगा ही, लेकिन ऐसे मामलों में सिर्फ मुस्लिम टारगेट बनते हैं। और अब वही हो रहा है, गिरफ्तारी से लेकर बुलडोजर की कार्रवाई को देख लीजिए।’ अबू आजमी ने कहा कि नूंह के एसपी या कलेक्टर का ट्रांसफर नहीं करना चाहिए, उन्हें सस्पेंड कर देना चाहिए क्योंकि यह उनकी गलती थी।
‘80 पर्सेंट मुस्लिमों के बावजूद नूंह में पहले दंगे नहीं हुए’
अबू आजमी ने मोनू मानेसर को नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘नूंह में इससे पहले कभी दंगे नहीं हुए, 80 फीसदी मुस्लिम होने के बाद भी। इस बार राजस्थान में 2 मुस्लिम युवकों की हत्या के आरोपी मोनू मानेसर के भड़काऊ वीडियो और 150 गाड़ियों में हथियारों को लहराते और गलत बातें बोलने वालों की वजह से हिंसा भड़की।’ अबू आजमी ने कहा कि अब खट्टर सरकार इसकी जांच कर रही है, लेकिन न्याय की उम्मीद कम ही है। बता दें कि नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में होमगार्ड्स के 2 जवानों समेत कुल 6 लोगों की मौत हो गई थी।