छत्तीसगढ़ के जिला बलराम में ईसाई धर्मांतरण का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार (6 अगस्त, 2023) को ग्राम कर्री चलगली के चौगई में कुछ बाहरी मिशनरी लोगों के द्वारा गाँव के लोगों को बहला-फुसलाकर तथा प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने के दौरान ही यह मामला उजागर हो गया।
ग्राम कर्री चलगली के चौगई पारा में सोमारु नामक व्यक्ति के घर में कुछ बाहरी व्यक्ति की आने की सूचना प्राप्त हुई, तत्पश्चात् रनहत के हिन्दू कार्यकर्ता जब सुबह 7 बजे सोमारु के घर पहुँचे तो वहाँ स्थानीय लोगों के साथ कुछ अन्य बाहरी व्यक्ति भी मौजूद थे तथा उनके साथ बाइबिल पुस्तक भी मौके पर पाई गई। प्रार्थना सभा के नाम पर धर्मांतरण का मामला सामने आया।
वहीं धर्मांतरण रुकवाने गए हिन्दू कार्यकर्ताओं को ईसाई मिशनरियों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। हिन्दू कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें स्थानीय लोगों ने बताया कि यहाँ पिछले तीन-चार दिनों से बाहरी व्यक्तियों का आना-जाना चल रहा था। इसके बाद रविवार को कर्री चलगली के चौगई में धर्मांतरण कराने की सूचना जैसे ही रनहत के हिन्दू कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने तत्काल मौके पर पहुँच कर विरोध किया तथा संबंधित पुलिस चौकी रनहत में इस घटना के बारे में जानकारी दी गई।
हिन्दू कार्यकर्ताओं ने बताया कि जब वे उस घर में पहुँचे जहाँ धर्मांतरण के लिए ग्रामीणों को बरगलाया जा रहा था तो उस कच्चे घर में करीब 30 से ज़्यादा ग्रामीण मौजूद थे। वहीं जानकारी के बाद चौकी प्रभारी रनहत द्वारा मौके पर पहुँचकर धर्मांतरण को बंद कराया गया और धर्मांतरित करा रहे लोगों को चौकी रनहत लाया गया। इसके बाद सम्बन्थित धाराओं के अनुसार कार्रवाई करते हुए आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि धर्मांतरण का यह कार्य छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में काफी दिनों से निर्बाध रुप से फल-फूल रहा है और यहाँ के भोले-भाले ग्रामवासी ईसाई मिशनरियों के झाँसे व प्रलोभन में आकर धर्मांतरित हो रहे हैं। वहीं हिन्दू कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन पर ईसाई मिशनरियों द्वारा सुलह कर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है नहीं तो उन्हें परिणाम भुगतने की धमकी भी दी जा रही है।