लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर जमकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जी का एक ही उद्देश्य रह गया है बेटे को सेट करना और दामाद को भेंट करना। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ चल रहे मामलों को भी निशिकांत दुबे ने जिक्र किया। राहुल गांधी के माफी नहीं मांगने की बात का उल्लेख करते हुए दुबे ने कहा कि राहुल जी कहते हैं कि मैं सावरकर नहीं हूं जो माफी मांग लूं। मैं तो यही कहना चाहता हूं कि राहुल जी आप कभी सावरकर नहीं हो सकते।
#WATCH | BJP MP Nishikant Dubey says, "This No Confidence Motion has been brought. Why has this been brought? Sonia ji (Gandhi) is sitting here…I think she has to do two things – Bete ko set karna hai aur Damad ko bhent karna hai…That is the base of this Motion." pic.twitter.com/Gb40E2gfzu
— ANI (@ANI) August 8, 2023
राहुल गांधी बरी नहीं हुए हैं-निशिकांत दुबे
निशिकांत दुबे ने कहा राहुल गांधी मोदी सरनेम मामले में बरी नहीं हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अभी रोक लगाई है। अंतिम फैसला आना बाकी है। मणिपुर का जिक्र करते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि मणिपुर के इतिहास का मैं भुक्तभोगी हूं। मेरे मामा एनके तिवारी मणिपुर में अपना पैर गंवा चुके हैं। वे सीआरपीएफ के डीआईजी थे। मणिपुर में जब आईजी बनकर गए तो आपकी (कांग्रेस) की सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
#WATCH | BJP MP Nishikant Dubey raises the issue of the Supreme Court staying Rahul Gandhi's conviction in the ‘Modi’ surname remark case following which his membership was restored.
He says, "The Supreme Court has not given a judgement. It has given a stay order…He is saying… pic.twitter.com/7Q6UZ5Fxd9
— ANI (@ANI) August 8, 2023
ये विपक्ष के लिए विश्वास का प्रस्ताव है-निशिकांत दुबे
निशिकांत दुबे ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ठीक कहते हैं कि ये विपक्ष के लिए विश्वास का प्रस्ताव है कि कौन किसके साथ है। वे इसे परखने के लिए यह प्रस्ताव लाए हैं। निशिकांत दुबे ने कहा कि इस सदन में बैठे हुए अधिकांश विपक्ष के लोग अपने गठबंधन का फुल फॉर्म नहीं बता पाएंगे। उन्होंने कहा कि जिसने लोगों को पानी दिया, शौचालय दिया उस आदमी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था तब सभी मौन धारण किए थे। बाद न धृतराष्टार बचे न युधिष्ठिर बचे। उसी तरह कोई भी नहीं बचेगा।