राजस्थान के जयपुर के जमवारामगढ़ में एक दलित के साथ मारपीट करने, उसके मुँह पर पेशाब करने और उससे जूते चटवाने का मामला सामने आया है। इस मामले में कॉन्ग्रेस विधायक गोपाल मीणा, डीएसपी शिवकुमार भारद्वाज सहित चार लोगों पर आरोप लगे हैं। पीड़ित का दावा है कि पुलिस उसे खेत से उठाकर ले गई और प्रताड़ित किया। कोर्ट के दखल के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। हालाँकि कॉन्ग्रेस विधायक ने इसे जमीनी विवाद बताते हुए आरोपों को खारिज कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक विधायक के आरोपित होने के कारण मामले की जाँच सीबी सीआईडी को दी गई है। आरोप है कि बिना नजराना दिए खेत में जाने पर दलित को प्रताड़ित किया गया। 51 वर्षीय पीड़ित ने बताया है कि उसके साथ यह घटना 30 जून 2023 को हुई थी। इस मामले में एफआईआर 27 जुलाई को दर्ज की गई। लेकिन मामला सार्वजनिक 10 अगस्त को हुई जब पीड़ित ने दिल्ली आकर मीडिया से बात की। उसने बताया कि कॉन्ग्रेस एमएलए और डीएसपी के खौफ की वजह से वह अब तक चुप था।
पीड़ित के अनुसार 30 जून की दोपहर वह अपने गाँव टोडालडी में अपनी पत्नी के साथ खेत में काम कर रहा था। इसी दौरान कुछ पुलिसवाले आए और उसे उठाकर ले गए। उसे अगवा कर एमएलए मीणा के घर ले जाया गया। वहाँ एक कमरे में बंद कर पुलिस ने उसकी पिटाई की। पीड़ित के अनुसार जब उसने छोड़ने की गुहार लगाई तो डीएसपी शिव कुमार भारद्वाज ने उसके मुँह पर पेशाब कर दी। कथित तौर पर डीएसपी ने उससे कहा कि जमवारामगढ़ के राजा (कॉन्ग्रेस विधायक मीणा) को नजराना दिए बिना टोडालडी में खेत में आने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई।
पीड़ित दलित का आरोप है कि इसके बाद पुलिसकर्मी उसे एमएलए मीणा के घर के हॉल में लेकर गए। वहाँ एमएलए मीणा कुर्सी पर बैठे थे। उन्होंने पीड़ित से अपने जूते चाटने को कहा। कथित तौर पर एमएलए मीणा ने कहा, “जब तक मेरे जूते जीभ से साफ नहीं करेगा, तब-तक जाने नहीं दूँगा।” पीड़ित के अनुसार जूते चाटने के बाद ही उसे छोड़ा गया। साथ ही डीएसपी शिव कुमार भारद्वाज ने उसे फिर से टोडालडी के खेत में नहीं जाने की धमकी दी। कहा कि दोबारा वहाँ दिखे तो जान से मरवा देंगे और लाश का भी पता नहीं चलेगा।
पीड़ित का यह भी आरोप है कि पुलिस ने उसका केस दर्ज करने से इनकार कर दिया था। उसने एसपी ग्रामीण से लेकर डीजीपी तक गुहार लगाई। लेकिन इसका भी फायदा नहीं हुआ। इसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। फिर जमवारामगढ़ थाने में 27 जुलाई को एफआईआर दर्ज की गई।
एमएलए मीणा ने खुद पर लगे आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उनका कहना है यह मामला पूर्व डीजीपी नवदीप सिंह और उनकी पत्नी परम की जमीनी विवाद से जुड़ा है। कॉन्ग्रेस विधायक ने पीड़ित दलित को जानने से भी इनकार किया है।