उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यापार में सुगमताको बढ़ावा देने के लिए राज्य में नया निर्देश जारी किया है। इस निर्देश के तहत राज्य में किसी भी उद्यमी, व्यापारी, शैक्षिक संस्था, चिकित्सालय, भवन निर्माताओं, होटल, रेस्टोरेंट इत्यादि पर FIR दर्ज होने से पहले प्रारम्भिक जांच की जाएगी। साथ ही प्रबंधन स्तर के कर्मचारियों का भी किसी तरह से उत्पीड़न न हो इसके लिए प्रशासन को आदेश जारी किया गया है।
यूपी में अब व्यापार में होगी सुगमता
इस बाबत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी रिट याचिका ललिता कुमारी बना उत्तर प्रदेश राज्य की सुनवाई मामले में कोर्ट ने एक आदेश जारी किया था। इस आदेश के मुताबिक ऐसे प्रकरण जो सिविल प्रकृति के हैं, व्यवसायिक विवाद से संबंधित हैं, प्रतिष्ठान या संस्थान में आक्समिक दुर्घटना से संबंधित हैं तो ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करने से पहले मामले की प्रारंभिक जांच कराई जानी चाहिए।
एफआईआर दर्ज करने से पहले हो प्रारंभिक जांच
योगी सरकार के आदेश में बताया गया है कि ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य यह है कि सिविल से जुड़े मामलों और विवादों को आपराधिक रंग देते हुए एफआईआर दर्ज कराने की प्रवृति को कम किया जा सके। साथ ही न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर एफआईआर दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ताओं पर नियंत्रण किया जा सके। ऐसा करने से राज्य में निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो और राज्य को अधिक निवेश प्राप्त होगा।