शुक्रवार को कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया. नाल्को नगर में आयोजित ‘परिचय: जातीय जनजाति महोत्सव’ नामक इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने आदिवासी समाज के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह समाज हमारे देश का मूल समाज है.
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा, “आदिवासी लोग सरल और साफ दिल वाले होते हैं”. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “ओडिशा की गौरवान्वित बेटी द्रौपदी मुर्मू अब भारत की राष्ट्रपति हैं”. प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी नेतृत्व को अधिक प्रतिनिधित्व देने के लिए अग्रणी कदम उठाए हैं.
ଅନୁଗୋଳ ଜିଲ୍ଲାର ନାଲକୋ ନଗର ଠାରେ “ପରିଚୟ : ଜାତୀୟ ଜନଜାତି ମହୋତ୍ସବ”ରେ ଯୋଗ ଦେଇ ଆନନ୍ଦିତ । ଜନଜାତି ସମାଜ ଆମ ସଭ୍ୟତାର ମୂଳ ସମାଜ । ଏହି ସମାଜର କଳା, ସଂସ୍କୃତି, ସଂସ୍କାର, ପରମ୍ପରା, ଚାଲିଚଳଣୀ, ନୃତ୍ୟ, ସଙ୍ଗୀତ, ଖାଦ୍ୟପେୟ ଓ ବେଶପୋଷାକର ନିଜସ୍ୱ ପରିଚୟ ରହିଛି । ସେହି ସମାଜ ମହୋତ୍ସବ ମାଧ୍ୟମରେ ନାଲକୋ ନଗରରେ ଏକାଠି ହେବା… pic.twitter.com/9yOj2u5cFB
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) August 18, 2023
संस्कृति, शिष्टाचार और परंपरा का प्रतीक
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समाज की कला, संस्कृति, शिष्टाचार, परंपरा, नृत्य, गीत, संगीत, आहार और पोशाक अपने आप में विशेष है. अपने संबोधन में उन्होंने ओडिशा राज्य की तारीफ करते हुए कहा कि यह एक ऐसा राज्य है जहां आदिवासियों की 62 श्रेणियां हैं और उनके द्वारा 21 विभिन्न भाषाएं और 74 बोलियां बोली जाती हैं. ओडिशा में सात आदिवासी एम्प-स्क्रिप्ट प्रचलन में हैं.
आदिवासी समाज के लिए स्थापित नए स्कूल
आदिवासी समाज के बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए स्थापित किए गए नए स्कूलों का भी उन्होंने जिक्र किया. केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि मोदी सरकार ने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एकलव्य विद्यालयों की स्थापना की है. बिरसा मुंडा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि देश बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजाति गौरव दिवस’ के रूप में मना रहा है.