असम में एक से अधिक विवाह करने पर प्रतिबंध लगाने को लेकर कानून लाने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस मामले में लोगों से सुझाव मांगे हैं।
सीएम सरमा ने सोमवार को एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि लोगों से अनुरोध है कि वे असम में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्तावित कानून पर हमें अपने सुझाव भेजें।
सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने मांगे सुझाव
गृह एवं राजनीतिक विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जारी नोटिस में जनता से 30 अगस्त तक ईमेल या डाक के माध्यम से सुझाव मांगे गए हैं। नोटिस में बताया गया है कि राज्य सरकार ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्तावित कानून के लिए एक विशेष समिति का गठन किया था।
Members of the public are requested to send us their suggestions on the proposed law to ban polygamy in Assam. pic.twitter.com/FpKl0MgYqB
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 21, 2023
राज्य के पास कानून बनाने का अधिकारः सरकार
रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य विधायिका वैवाहिक प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने के लिए सक्षम है। सार्वजनिक नोटिस में कहा गया कि विवाह समवर्ती सूची के अंतर्गत आता है, जिससे केंद्र और राज्य दोनों इस पर कानून पारित कर सकते हैं।
नोटिस में कहा गया कि कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा प्राप्त करने के लिए धार्मिक प्रथाएं आवश्यक और धर्म का अभिन्न अंग होनी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया कि इस्लाम के संबंध में अदालतों ने माना है कि एक से अधिक पत्नियां रखना धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।
असम सरकार ने जारी किया नोटिस
नोटिस में बताया गया – “पत्नियों की संख्या सीमित करने वाला कानून धर्म का पालन करने के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करता है और यह सामाजिक कल्याण और सुधार के दायरे में आता है। इसलिए, एक विवाह का समर्थन करने वाले कानून अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं करता हैं। इन सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, असम राज्य के पास बहुविवाह को समाप्त करने के लिए राज्य विधानमंडल बनाने की विधायी क्षमता होगी।”