क्या पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर (PoK) में भारतीय सेना ने फिर से सर्जिकल स्ट्राइक की है। यह सवाल 22 अगस्त 2023 को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट से खड़ी हुई है। इसके मुताबिक स्पेशल फोर्स के कमांडो ने नियंत्रण रेखा (LOC) पार कर पीओके में कई आतंकियों को ढेर किया। आतंकी लॉन्च पैड तबाह कर दिए।
19 अगस्त की रात यह सर्जिकल स्ट्राइक हुई। भारत सेना के स्पेशल फोर्स के 12 से 15 कमांडो ने राजौरी के तरकुंडी सेक्टर और पुंछ के भिंभर गली से रात के समय पैदल एलओसी पार की। पीओके में करीब ढाई किलोमीटर भीतर घुसकर कोटली जिला के नकयाल में आतंकियों के 4 लांचिंग पैड को तबाह कर दिया। इसमें कम से कम 7 से 8 आतंकवादी भी मारे गए।
हालाँकि रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में इस रिपोर्ट का खंडन किया है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि कोई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ नहीं की गई। लेकिन भारत ने पाकिस्तान की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है। मंत्रालय के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के बालाकोट सेक्टर से आतंकवादियों का समूह घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था। सैनिकों ने सोमवार (21 अगस्त) की सुबह दो आतंकवादियों को बालाकोट सेक्टर के हमीरपुर क्षेत्र में खराब मौसम और ऊबड़-खाबड़ जमीन का इस्तेमाल कर एलओसी पार करने की कोशिश करते हुए देखा था।
मंत्रालय के बयान के मुताबिक, “कई खुफिया एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस से मिले खुफिया इनपुट से पता चला है कि बालाकोट सेक्टर में आतंकवादियों की मौजूदगी है और ये नियंत्रण रेखा पार करने का इंतजार कर रहे थे। इन सूचनाओं के आधार पर निगरानी शुरू की गई। इस दौरान सेना को बेहद अलर्ट रखा गया था और सटीक जगहों पर सेना कई एमबुश (घात) लगाए थी। जैसे ही आतंकवादियों ने घुसपैठ करने की कोशिश की भारतीय सेना ने मौसमी हालातों का फायदा उठाते हुए उन पर भारी गोलीबारी की। इससे आंतकियों को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।”
बयान के मुताबिक, “जोरदार और असरदार गोलीबारी का नतीजा ये हुआ कि नियंत्रण रेखा के पास एक आतंकवादी जमीन पर ही ढेर हो गया। इसके बाद अतिरिक्त सैनिकों को इस क्षेत्र में भेजा गया और मौसम सही होने और दृश्यता में सुधार होने के बाद दोपहर में तलाशी अभियान शुरू किया गया।”
रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि जमीनी तलाशी के दौरान एक एके-47, पाकिस्तान में बनी दवाएँ, दो मैगजीन और 30 जिंदा कारतूस और दो ग्रेनेड बरामद किए गए। तलाशी के दौरान खून के निशान भी मिले हैं। खून के निशान और इस तथ्य को देखते हुए कि जवाबी कार्रवाई के बाद एक आतंकवादी ढेर हो गया था, यह संभावना है कि भारतीय सेना की गोलीबारी के दौरान कम से कम एक आतंकवादी की मौत हो गई।