भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में लैंडिंग के लिए पूरी तरह तैयार है। लैंडिंग के सफल होते ही भारत इतिहास रच देगा। हालांकि, मिशन मून के बाद भी इसरो के पास में नए मिशन की लंबी लिस्ट है। कई नए सैटेलाइट्स भी हैं जो इसरो लॉन्च करने वाला है।
सूर्य मिशन की भी तैयारी
आने वाले दिनों में इसरो कि लिस्ट में सूर्य का अध्ययन करने के लिए एक मिशन, जलवायु अवलोकन उपग्रह की लॉन्चिंग, मिशन गगनयान जिसमें मानव को अंतरिक्ष में ले जाना है, शामिल हैं। इनके अलावा भारत-अमेरिका सिंथेटिक एपर्चर रडार की लॉन्चिंग भी की जानी है। इसरो के अधिकारी के अनुसार, चमकदार खगोलीय एक्स-रे स्रोतों का अध्ययन करने के लिए एक्सपोसैट पोलारीमेट्री मिशन की भी लॉन्चिंग होगी।
कब लॉन्च होगा सूर्य मिशन?
सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय ऑब्जरवेटरी का नाम आदित्य एल-1 है। इसरो की ओर से इसे लॉन्चिंग के लिए तैयार किया जा रहा है। अधिकारी के अनुसार, सितंबर के पहले सप्ताह में इसे लॉन्च किया जाएगा।
गगनयान का ट्रायल
इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने हाल ही में बताया था कि एजेंसी जलवायु अवलोकन उपग्रह इनसैट-3डीएस भी लॉन्च करने वाली है। इसके अलावा मिशन गगनयान के क्रू एस्केप सिस्टम के वेरिफिकेशन के लिए एक ट्रायल मिशन भी जल्द ही लॉन्च होगा। उन्होंने कहा था कि आने वाले दिनों में हम अपनी सुरक्षा के लिए भी बड़ी संख्या में उपग्रह बनाने जा रहे हैं।
नासा के साथ भी मिशन
इसरो के अधिकारियों के अनुसार, नासा-इसरो एसएआर (निसार) को दोनों एजेंसियों द्वारा मिलकर तैयार किया जा रहा है। ये एक निगरानी उपग्रह होगा जो 12 दिनों में पूरे विश्व का मानचित्रण करेगा। इससे पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल तथा भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए डाटा मिलेगा।