रूस में एक विमान हादसे में येवगेनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin Dead in plane crash) की मौत हो गई है। वे वैगनर आर्मी (Wagner Group) के चीफ थे। रूस की इसी प्राइवेट आर्मी ने इस साल जून के अंत राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ बगावत की थी। पुतिन ने इसे ‘पीठ में छुरा घोंपना’ बताया था।
रिपोर्टों के अनुसार प्रिगोझिन बुधवार (23 अगस्त 2023) को मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहे थे। लेकिन उनका विमान मॉस्को के उत्तर-पश्चिम में स्थित गाँव कुजेनकीनो में गिर गया। विमान में कुल 10 लोग सवार थे। हादसे में सभी की मौत हो गई। हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चला है। एजेंसियाँ जाँच में जुटी हैं।
हादसे के समय विमान में चालक दल के 3 सदस्यों सहित कुल 10 लोग सवार थे। करीब आधे घंटे की उड़ान के बाद विमान में आग लग गई और यह एक खेत गिर गया। मृतकों में दिमित्री उत्किन का भी नाम है। दिमित्री वैगनर आर्मी के सह-संस्थापक और शीर्ष कमांडर थे।
जून 2023 में येवगेनी पर पुतिन के खिलाफ तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगा था। तब उनके भाड़े के सैनिकों ने रूस के कुछ शहरों पर कब्जे का दावा किया था। येवगेनी ने रूस के रक्षा मंत्रालय पर भी आम लोगों की सेना द्वारा हत्या कराए जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन येवगेनी की इस हरकत से काफी नाराज बताए गए थे। उन्हें कड़ी सजा देने की बात कही थी। लेकिन जून 2023 में ही बेलारूस की मध्यस्थता में हुए एक समझौते में येवगेनी पर दर्ज केस वापस लेने की बात कही गई थी।
येवगेनी प्रिगोझिन जिस वैगनर आर्मी के मुखिया थे उसमें करीब 25 हजार सैनिक शामिल हैं। जून 2023 की बगावत से पहले उनके पुतिन से भी करीबी रिश्ते थे। दोनों का गृहनगर सेंट पीटर्सबर्ग ही था।
⚡A plane carrying Yevgeny Prigozhin has crashed in Russia's Tver region. According to preliminary information from Russia's emergencies ministry, all on board were killed.
Aviation authorities identified Prigozhin as one of the people on board, but his condition remains…
— The Moscow Times (@MoscowTimes) August 23, 2023
प्रिगोझिन शुरुआती जीवन में कई अपराधों में संलिप्त रहा था। 1981 में डकैती और लूटपाट में उसे 13 साल की जेल की सजा मिली थी। लेकिन 1990 में रिहा कर दिया गया। इसके बाद उसने हॉट-डॉग स्टैंड लगाया था। उसे कई केटरिंग कॉन्ट्रैक्ट्स मिले। 1995 में उसने रेस्टोरेंट खोलने का निर्णय लिया। सेंट पीटर्सबर्ग के वासिलिव्स्की द्वीप स्थित उसके रेस्टोरेंट का इतना नाम हुआ कि पुतिन भी यहाँ आने लगे।
यहीं दोनों का संपर्क हुआ। इसके बाद प्रिगोझिन को ‘पुतिन का शेफ’ कहा जाने लगा। पुतिन ने प्रिगोझिन की कई जगह लोन आदि लेने में मदद की। इसके बाद उसने वैगनर फौज बनाई। कहा जाता है कि रूस में प्राइवेट आर्मी बनाने का सुझाव उसने ही पुतिन को दिया था।