ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में आज जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में 64 पन्नों की एक नई याचिका दाखिल की गई। याचिका में मांग किया गया कि वजूखाने में विराजमान शिवलिंग को छोड़कर पूरे परिसर यानी तथाकथित वजूखाने का एएसआई सर्वे किया जाए। इससे दुनिया के सामने वजूखाने का सच आ जाएगा। विश्व वैदिक सनातन संघ की संस्थापक सदस्य व ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मुकदमे की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह के द्वारा जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में नई याचिका दाखिल की गई। अदालत ने उपरोक्त याचिका को स्वीकार करते हुए, इस याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तिथि 8 सितंबर सुनिश्चित की है।
इस याचिका में अन्य प्रतिवादियों के अतिरिक्त एएसआई को भी प्रतिवादी बनाया गया है। राखी सिंह के द्वारा उपरोक्त याचिका के माध्यम से यह मांग की गई है कि ज्ञानवापी परिसर के अंतर्गत तथाकथित वजूखाने में विराजमान शिवलिंग को छोड़कर पूरे परिसर यानी तथाकथित वजूखाने का एएसआई सर्वे कराया जाए। जिससे संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का सत्य उजागर हो सके। जो की निष्पक्ष न्याय करने में सहायक सिद्ध होगा। राखी सिंह ने यह याचिका अपने अधिवक्ता मान बहादुर सिंह, सौरभ तिवारी व अनुपम द्विवेदी के माध्यम से दाखिल किया है। विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि वजूखाने में छिपा सच दुनिया के सामने आना चाहिए। वजूखाने में विराजमान शिवलिंग को छोड़कर पूरे परिसर का एएसआई सर्वे होना चाहिए।