दोस्त की बेटी से रेप का आरोपित प्रेमोदय खाखा और पीड़िता का गर्भपात कराने की आरोपित उसकी बीवी सीमा जेल में बंद है। अब उसके बेटे हर्ष खाखा पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वह इस बात की जाँच कर रही है कि हर्ष ने भी पीड़िता के साथ बलात्कार किया है या नहीं।
पीड़िता ने प्रेमोदय खाखा के बेटे हर्ष खाखा पर भी बलात्कार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है, “पीड़िता ने हमें बताया है कि जब वह प्रेमोदय खाखा के घर में रह रही थी, तब हर्ष ने भी उसके साथ दो से अधिक बार बलात्कार किया था।” पाठक ने यह भी कहा कि पीड़ित लड़की हर्ष को भैया कहती थी।
उन्होंने आगे कहा है, “पीड़िता के गर्भवती होने के बारे में पता चलने के बाद हर्ष अपनी माँ सीमा के कहने पर प्रेग्नेंसी टेस्ट किट और अबॉर्शन (गर्भपात) के लिए दवाइयाँ लेकर आया था। इस बयान के आधार पर, हम जल्द ही हर्ष से पूछताछ करेंगे। यदि बलात्कार की पुष्टि को लेकर किसी भी प्रकार का सबूत मिलता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस सागर सिंह कलसी ने कहा है कि इस मामले में अब तक 2 आरोपित हैं और उन दोनों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि आगे की जाँच जारी है। उन्होंने ये भी बताया कि पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने लिखित बयान में किसी अन्य का नाम नहीं लिया है।
पीड़िता का मजिस्ट्रेट के सामने पहला बयान पिछले हफ्ते दर्ज किया गया था। लेकिन उसकी मानसिक स्थिति खराब होने के कारण यह पूरा नहीं हो सका था। अब फिर से सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराए जाएँगे। प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी की पुलिस रिमांड की माँग की जाएगी। हर्ष खाखा और उसकी बहन – दोनों ही बालिग हैं। इसलिए उनसे पूछताछ करने में भी कोई समस्या नहीं है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर रहे खाखा की बीवी पर पीड़िता का गर्भपात कराने का आरोप है। लेकिन, खाखा के वकील ने दावा किया है कि लड़की के गर्भवती होने के आरोप झूठे हैं, क्योंकि खाखा करीब 20 साल पहले ही नसबंदी करा चुका है। इसके बाद पुलिस ने प्रेमोदय का पोटेंसी टेस्ट कराया खा। टेस्ट रिपोर्ट आनी बाकी है।
खाखा के खिलाफ यौन शोषण की ये शिकायतें किंग्सवे कैम्प स्थित सेवा कुटीर में चल रही मेंटल हेल्थ यूनिट की 4 महिलाओं ने दर्ज कराई थीं। उस समय खाखा यहाँ सुपरिंटेंडेंट के पद पर तैनात था। शिकायतकर्ता महिलाएँ यहाँ एक NGO के माध्यम से कॉनट्रैक्ट पर कार्यरत थीं। इसमें 2 पीड़िताएँ काउंसलर, 1 मनोवैज्ञानिक और 1 लीगल सेल में कार्यरत थीं। इन शिकायतों के बारे में खाखा के वकील उमाशंकर गौतम को भी कुछ नहीं पता था। नए मामले सामने आने पर उन्होंने हैरानी जताई है।
इन 4 शिकायतों में से 2 में WCD की 5 सदस्यीय आंतरिक समिति (IC) ने आरोप साबित न होना बताकर खाखा को क्लीन चिट दे दी थी। दोनों विभागीय क्लीन चिट को पीड़िताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इनमें से एक मामले में WCD ने 5 फरवरी 2022 को कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। इसकी अगली सुनवाई 26 सितंबर, 2023 को है। दूसरे मामले में विभाग ने 30 जून, 2023 को अदालत में हलफनामा दायर किया, जिसकी अगली सुनवाई 30 नवंबर, 2023 को तय की गई है।