असम राइफल्स की ओर से मणिपुर के एक राजनेता के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। दरअसल, असम राइफल्स ने संगठन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को हतोत्साहित करने के लिए मणिपुर के एक राजनेता के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा है।
शिलॉन्ग के एक वकील द्वारा रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई-अठावले) के राष्ट्रीय सचिव महेश्वर थौनाओजम को 18 अगस्त को नोटिस दिया गया था।
राज्य की शांति और सुरक्षा में बल ने निभाया महत्वपूर्ण कदम
नोटिस में कहा गया है कि देश का सबसे पुराना अर्धसैनिक बल देश की सेवा कर रहा है और मणिपुर सहित विभिन्न क्षेत्रों में शांति, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नोटिस में कहा गया, “यह उल्लेख करना भी उचित है कि यद्यपि मणिपुर राज्य AFSPA [सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम] के तहत एक अधिसूचित क्षेत्र नहीं है।
माफी नहीं मांगेंगे थौनाओजम
थौनाओजम ने कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे और वह भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की आजादी के हकदार हैं। उन्होंने कहा, “मैंने कोई बयान नहीं दिया, मैंने एक सवाल पूछा था। मैंने एक राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक मैतेई के रूप में बात की थी।”
उन्होंने कहा, “यहां हर मैतेई जानता है कि असम राइफल्स के कुछ अधिकारी कुकी उग्रवादियों के साथ कैसे नाचते और गाते हैं, इसे साबित करने के लिए वीडियो भी है। मैं कुछ ऐसी बात दोहरा रहा था, जो यहां के सभी मैतेई लोगों को पहले से पता है।”
असम राइफल्स ने मांगी लिखित माफी
असम राइफल्स ने झूठे आरोप और मानहानि के लिए लिखित और सार्वजनिक माफी मांगी है। साथ ही, उनसे 30 जून को दिल्ली में मैतेई शहीदों के शोक में दिए गए बयान को वापस लेने के लिए भी कहा। नोटिस में कहा गया है कि बैठक में थौनाओजम ने कहा था, “ग्रामीणों ने यह भी बताया कि असम राइफल्स ग्राम रक्षा बल को जलाने के लिए कुकी उग्रवादियों की मदद कर रहा है।”