भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार बनी हुई है। इसकी धमक अब दुनिया में भी सुनाई देने लगी है। रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भी मजबूत आर्थिक गति को देखते हुए 2023 कैलेंडर वर्ष के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर शुक्रवार को 6.7 प्रतिशत कर दिया। मूडीज ने अपने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक’ में कहा, ‘मजबूत सेवाओं के विस्तार तथा पूंजीगत व्यय ने भारत की दूसरी (अप्रैल-जून) तिमाही में एक साल पहले की तुलना में 7.8 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि को प्रेरित किया। इसलिए हमने भारत के लिए अपने 2023 कैलेंडर वर्ष के वृद्धि का अनुमान 5.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि दूसरी तिमाही का बेहतर प्रदर्शन 2023 में उच्च आधार प्रदान करता है। हमने अपना 2024 का वृद्धि अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है।
विकास पूर्वानुमान आरबीआई से थोड़ा अधिक
शुक्रवार को कहा कि दूसरी तिमाही का प्रदर्शन 2023 में एक उच्च आधार बनाता है, इसलिए हमने अपने 2024 के विकास पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है। मजबूत अंतर्निहित आर्थिक गति को देखते हुए, हम भारत के आर्थिक विकास प्रदर्शन के लिए आगे बढ़ने के जोखिम को भी पहचानते हैं। 2023 के लिए मूडीज का 67 प्रतिशत विकास पूर्वानुमान आरबीआई के 2023-24 के 65 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा अधिक है। भारत ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो 2023-24 की अप्रैल-जून अवधि के लिए आरबीआई के 8 प्रतिशत के अनुमान से कम थी।
जून तिमाही की वृद्धि दर उत्साहजनक
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार कृषि और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.8 प्रतिशत रही है। यह पिछली चार तिमाहियों में सबसे ऊंची वृद्धि दर है। बीते वित्त वर्ष 2022-23 की समान तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 13.1 प्रतिशत रही थी। जीडीपी वृद्धि दर 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत तथा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.5 प्रतिशत थी। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि पहली तिमाही में मजबूत घरेलू मांग और सेवा क्षेत्र की वृद्धि से जीडीपी वृद्धि को बल मिला।