इलाहाबाद उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने महिला सिपाही के साथ हुई घटना का स्वतः संज्ञान लिया। रविवार की रात करीब 9 बजे उनके आवास पर इस मामले की सुनवाई हुई। आगे की सुनवाई सोमवार को होगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया है। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा है कि सोमवार को होने वाली सुनवाई में उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य अधिवक्ता, शासकीय अधिवक्ता एवं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी उपस्थित रहे।
बता दें कि अधिवक्ता राम कुमार कौशिक ने इस मामले में एक पत्र भेजा था और यह अनुरोध किया था कि उस पत्र को जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार किया जाए। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के आवास पर रात करीब 9 बजे शुरू हुई। यह भी बता दें कि महिला सिपाही के साथ तीन दिन पहले अयोध्या जनपद में ट्रेन में घटना हुई थी। सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में सवार महिला सिपाही अर्धनग्न और बेहोशी की हालत में ट्रेन में खून से लथपथ पाई गई थी। उसकी हालत गंभीर थी इसलिए इलाज के लिए महिला सिपाही को लखनऊ के केजीएमयू में रेफर किया गया।
केजीएमयू में भर्ती करने के बाद महिला सिपाही का इलाज किया जा रहा है। अभी भी महिला सिपाही की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस मामले में यह आशंका जताई जा रही थी कि महिला सिपाही के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है मगर रेलवे पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच के आधार पर यह कहा जा सकता है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है।