मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि राजनीति आम आदमी और देश की भलाई के लिए की जानी चाहिए। इसके बजाय अवैधानिक ढंग से धनसंचय और व्यक्तिगत लाभ हासिल करने के लिए लोगों के जीवन से खेलना न केवल सत्ता का दुरुपयोग है, बल्कि संवैधानिक आदर्शों के खिलाफ है। हाई कोर्ट ने आगे यह भी कहा है कि व्यक्ति अपनी शक्ति का प्रयोग कर आम आदमी से जमीन हड़पने का कार्य करता है तो यह राजनीतिक शक्ति और उसके प्रभाव का दुरुपयोग है, जो दिनदहाड़े डकैती से कम नहीं है। न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी हाल में सत्तारूढ़ डीएमके पार्टी से जुड़े वार्ड सचिव एस रामलिंगम के खिलाफ 65 वर्षीय महिला आर. गिरजा की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए की है। बताया जा रहा है कि महिला के मकान पर डीएमके के वार्ड सचिव एस रामलिंगम ने काफी समय से बिना किराया दिए कब्जा कर रखा।
कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित कराना राज्य और जिला कलेक्टर का कर्तव्य है। आरोपी ने कोर्ट के आदेश के बावजूद भी महिला की संपत्ति खाली करने से इंकार कर दिया था। मामले को देखते हुए कोर्ट ने पुलिस विभाग को 48 घंटे के भीतर डीएमके नेता की बेदखली सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। कोर्ट के अनुसार आरोपी नेता ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए 5 साल से किराए का भुगतान नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले को लंबा खींचने का प्रयास किया जाता है, लेकिन ऐसे प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए। पुलिस ने अदालत के आदेश के अनुसार आरोपी डीएमके के नेता को याचिकाकर्ता मकान मालकिन के स्वामित्व वाले परिसर से बेदखल कर दिया है।