भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हो रहा जी-20 शिखर सम्मेलन के घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति बन गई है। इसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री मोदी ने दी है। भारत की अध्यक्षता में जी-20 अब तक के इतिहास का सबसे सफल सम्मेलन साबित हुआ है।
प्रधानमंत्री के हवाले से सत्ताधारी भाजपा ने X पोस्ट में लिखा, “हमारी टीमों की कड़ी मेहनत और आप सभी के सहयोग के कारण, नई दिल्ली जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन घोषणापत्र को सर्वसम्मति प्राप्त हुई है। यह मेरा प्रस्ताव है कि हमें इस नेताओं की घोषणा को अपनाना चाहिए। मैं इस घोषणा को अपनाने की ऐलान करता हूँ।”
Due to the hard work of our teams and the cooperation of all of you, the New Delhi G20 Leaders' Summit Declaration has gained consensus. It's my proposal that we should adopt this Leaders' Declaration.
I declare to adopt this Declaration.
– PM @narendramodi #G20India pic.twitter.com/2YiRVfwHO8
— BJP (@BJP4India) September 9, 2023
भारतीय जी-20 की अध्यक्षता की अधिकांश प्राथमिकताओं का उद्देश्य ग्लोबल साउथ या विकासशील देशों को लाभ पहुँचाना था। नेताओं की घोषणा का मसौदा तैयार करने में शामिल भारतीय वार्ताकारों को भरोसा था कि नई दिल्ली के अधिकांश प्रस्तावों को समूह के नेतृत्व द्वारा समर्थन दिया जाएगा। आखिरकार ऐसा हुआ।
India’s G20 Presidency has been the most ambitious in history of G-20. 73 outcomes (lines of effort) and 39 annexed documents (presidency documents, not including Working Group outcome documents). With 112 outcomes and presidency documents, we have more than doubled the… pic.twitter.com/1d32f9Kkv7
— ANI (@ANI) September 9, 2023
इस घोषणा पत्र को रविवार (10 सितंबर 2023) को लीडर्स समिट के बाद घोषित किया जाएगा। यह भारत की अध्यक्षता की बड़ी जीत मानी जा रही है। इससे पहले पीएम मोदी ने जी20 सम्मेलन के पहले सत्र में कहा था, “21वीं सदी की दुनिया को नयी दिशा देने का समय है।” इस दौरान पीएम ने देश का नाम लेते समय ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया।
भारत की G20 अध्यक्षता इसके इतिहास में सबसे महत्वाकांक्षी रही है। इस बार 73 परिणाम (line of Efforts) और 39 संलग्न दस्तावेज़ (अध्यक्षता दस्तावेज़, कार्य समूह के परिणाम दस्तावेज़ शामिल नहीं) शामिल हैं। इस तरह पिछले सम्मेलनों की अपेक्षा इस बार 112 परिणामों और प्रेसीडेंसी दस्तावेज़ों दोगुना मूल कार्य हुआ है।
बताते चलें कि भारत के पहल पर ही 55 देशों के संघ अफ़्रीकन यूनियन को जी-20 में स्थायी सदस्य बनाया गया है। इस नाइजीरिया के प्रेसीडेंसी ने लिखा, “G20 का स्थायी सदस्य बनने पर अफ़्रीकन यूनियन को बधाई। एक महाद्वीप के रूप में हम G20 मंच का उपयोग करके वैश्विक मंच पर अपनी आकांक्षाओं को और आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”