भारत के दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए भारतीय वायु सेना की ताकत और बढ़ चुकी है। एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी ने बुधवार को पहला सी295 परिवहन विमान भारतीय वायु सेना को सौंपा।
स्पेन के सेविल शहर में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी को एयरबस कंपनी के उत्पादन संयंत्र में यह विमान सौंपा गया।
एयरबस ने टाटा ग्रुप के साथ किया करार
भारत सरकार ने एयरबस के साथ 56 एयरक्राफ्ट के लिए सौदा किया है। इस सौदे में शामिल 40 विमानों को भारत में तैयार किया जाएगा। विमान को तैयार करने के लिए एयरबस ने टाटा ग्रुप के साथ करार किया है। अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 48 महीनों के भीतर स्पेन से सोलह विमान फ्लाईअवे स्थिति में भारत को सौंपे जाएंगे। गौरतलब है कि यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा।
The 1st #C295 tactical transport aircraft handed over to India by the @Airbus 🇮🇳 pic.twitter.com/PYmSBqLSMu
— Indian Aerospace Defence News – IADN (@NewsIADN) September 13, 2023
पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वडोदरा में 295 विमानों की विनिर्माण सुविधा की आधारशिला रखी थी। भारतीय वायु सेना एवरो-748 विमानों के अपने बेड़े को बदलने के लिए सी-295 विमान खरीद रही है।
C-295 विमान की खासियत
- 5 से 10 टन क्षमता है नए परिवहन विमान की।
- सैनिकों और साजो-सामान को तेजी से पहुंचाने के लिए रियर रैंप डोर से लैस है विमान।
- 480 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से विमान 11 घंटे तक उड़ सकता है।
- सी295 विमान पैराशूट के सहारे सैनिकों को उतारने और सामान गिराने के लिए काफी उपयोगी हो सकता है।
- विमान का उपयोग किसी हादसे के पीड़ितों और बीमार लोगों को निकालने के लिए भी किया जा सकता है।
- यह विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा की स्थिति और समुद्री तटीय क्षेत्रों में गश्ती कार्यों को पूरा करने में सक्षम है।
भारत के लिए क्यों जरूरी है सी295 परिवहन विमान?
सी-295 को एक बेहतर विमान माना जाता है जिसका उपयोग 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स तक के सामरिक परिवहन के लिए और उन स्थानों पर रसद संचालन के लिए किया जाता है जो वर्तमान भारी विमानों के लिए पहुंच योग्य नहीं हैं।
इस विमान के जरिए पैराट्रूप और सामान को किसी दुर्गम जगहों पर लैंड कराने में मदद मिलेगी। वहीं, इमरजेंसी मेडिकल सुविधाओं को मुहय्या कराने में ये विमान काफी मदद करेगी।
यह विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा प्रतिक्रिया और समुद्री गश्ती कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम है।