उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। 13 साल का जस खेल-खेल में फंदे से लटक कर तड़पता रहा। बच्चों की आवाज सुन नेत्रहीन माँ उसे बचाने के लिए दौड़कर आई। लेकिन वह नाकाम रही। घटना रविवार (17 सितंबर 2023) की है।
मामला जालौन के उरई थाना क्षेत्र का है। यहाँ की कांशीराम कॉलोनी में 50 साल की संगीता अपने परिवार के साथ रहती हैं। वह जन्म से ही नेत्रहीन हैं। उसका बेटा जस अपने भाई यश और बहन महक तथा आस्था के साथ रविवार को खेल रहा था। उस समय बच्चों के पिता खेमचंद्र खरीदारी करने बाजार गए थे और संगीता दूसरे कमरे में सो रही थी।
बताया जा रहा है कि बच्चे फाँसी लगाने वाला खेल कर रहे थे। बच्चों ने फाँसी का फंदा बनाया। इस फंदे पर स्टूल लगा कर जस चढ़ गया और फंदे को गले में डाल लिया। लेकिन स्टूल सरककर नीचे गिरने के कारण वह फंदे से लटक गया। गला कसने की वजह से वह तड़पने लगा। लेकिन भाई-बहन इसे भी एक्टिंग ही समझ रहे थे। जब जस की नाक और मुँह से खून बाहर आने लगा तो भाई-बहन चिल्लाने लगे। शोरगुल सुनकर उनकी नेत्रहीन माँ की नींद खुली। वह दौड़कर आई। लेकिन दिखाई न पड़ने की वजह से वह अपने बच्चे को बचा नहीं पाई।
संगीता ने अपने बच्चे के गले में कसे फंदे को काटने के लिए चाकू या धारदार हथियार खोजने की असफल कोशिश की। पड़ोसियों से मदद की गुहार लगाई। चीख-पुकार सुन कर पड़ोसी पहुँचे और बच्चे को फंदे से उतारा। बेसुध हो चुके बच्चे को लेकर लोग अस्पातल गए, लेकिन वहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। मौके पर पहुँची पुलिस ने बच्चे के शव को कब्ज़े में लिया और जरूरी कानूनी कार्रवाई पूरी की। मृतक की माँ ने रोते हुए अपनी दृष्टिहीनता को अपने बच्चे की मौत का कारण बताया। उन्होंने रोते हुए कहा, “यदि भगवान ने मेरी दृष्टि न छीनी होती तो मैं अपने बच्चे को बचा लेती। वह मेरे सामने मर गया और मैं कुछ नहीं कर पाई।”