प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विज्ञान भवन में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023’ का उद्घाटन किया। इंग्लैंड के लॉर्ड चांसलर एलेक्स चाक और बार एसोसिएशन ऑफ इंग्लैंड के प्रतिनिधियों, राष्ट्रमंडल और अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों और देशभर से आए लोगों की उपस्थिति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरह से ये अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन भारत की वसुधैव कुटुंबकम की भावना का प्रतीक बन गया है।
प्रधानमंत्री ने किसी भी देश के विकास में कानूनी बिरादरी की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्षों से न्यायपालिका और बार भारत की न्यायिक प्रणाली के संरक्षक रहे हैं। मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में कानूनी पेशेवरों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने महात्मा गांधी, बाबा साहेब आंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, लोकमान्य तिलक और वीर सावरकर का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कानूनी पेशे के अनुभव ने स्वतंत्र भारत की नींव को मजबूत करने का काम किया है और आज की निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली ने भारत में दुनिया का विश्वास बढ़ाने में भी मदद की है।
#WATCH | I congratulate the Supreme Court of Bharat for providing operative parts of the judgements in the litigant's language…: PM Modi at the ‘International Lawyers’ Conference 2023 at Vigyan Bhawan in Delhi. pic.twitter.com/DW7LgkWshF
— ANI (@ANI) September 23, 2023
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब देश कई ऐतिहासिक निर्णयों का गवाह रहा है। उन्होंने नारी शक्ति वंदन विधेयक को संसद की मंजूरी का उल्लेख करते हुए कहा कि महिला आरक्षण कानून महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को नई दिशा और ऊर्जा देगा। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही संसद ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पास किया है। नारी शक्ति वंदन कानून भारत में महिला नेतृत्व विकास को नई दिशा और ऊर्जा देगा।
#WATCH | One month ago, Bharat became the first nation to reach the South pole of the moon. We are working towards becoming a developed (nation) by 2047. For this, an unbiased, strong, and independent judiciary is needed… I am hoping that through this conference, we can all… pic.twitter.com/kVVRfA5oqh
— ANI (@ANI) September 23, 2023
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि नई दिल्ली में हाल ही में संपन्न जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया को भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और कूटनीति की झलक मिली। इसी दिन एक महीने पहले भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने वाला दुनिया का पहला देश बना था। इन उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज का भारत जो आत्मविश्वास से भरा हुआ है, 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने एक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत में कानूनी प्रणाली के लिए मजबूत, स्वतंत्र और निष्पक्ष नींव की आवश्यकता भी व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन में प्रत्येक देश को अन्य देशों की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने का अवसर मिलेगा।
#WATCH | Language and simplicity of law is another area of the justice delivery system which isn't talked about much… Earlier, any law's drafting was very complex. We are trying to find solutions to this. We have taken the first step to simplify Data protection law…: PM Modi… pic.twitter.com/4eyS5L5HM5
— ANI (@ANI) September 23, 2023
प्रधानमंत्री ने आज की दुनिया की गहरी कनेक्टिविटी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में कई ताकतें हैं जिन्हें सीमाओं और अधिकार क्षेत्र की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि जब खतरे वैश्विक हैं तो उनसे निपटने के तरीके भी वैश्विक होने चाहिए। उन्होंने साइबर आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग की संभावनाओं पर बात की और कहा कि ऐसे मुद्दों पर एक वैश्विक ढांचा तैयार करना सिर्फ सरकारी मामलों से परे है, बल्कि विभिन्न देशों के कानूनी ढांचे के बीच जुड़ाव की भी मांग करता है।
Bharat completed 75 years of independence recently. In the fight for independence, the legal fraternity played a huge role. Many lawyers left their practice to join the independence movement. The independent judiciary of Bharat has a major role to play in why the world today… pic.twitter.com/vvkdvJexQR
— ANI (@ANI) September 23, 2023
वैकल्पिक विवाद समाधान पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वाणिज्यिक लेनदेन की बढ़ती जटिलता के साथ एडीआर ने पूरी दुनिया में लोकप्रियता हासिल की है। भारत में विवाद समाधान की अनौपचारिक परंपरा को व्यवस्थित करने के लिए भारत सरकार ने मध्यस्थता अधिनियम बनाया है। इसी तरह लोक अदालतें भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं और लोक अदालतों ने पिछले 6 वर्षों में लगभग 7 लाख मामलों का निपटारा किया है। सरकार यथासंभव सरल भाषा, भारतीय भाषाओं में कानूनों का मसौदा तैयार करने का गंभीर प्रयास कर रही है। मोदी ने जोर देकर कहा कि सरकार सरल भाषा में नए कानूनों का मसौदा तैयार करने का प्रयास कर रही है और उन्होंने डेटा संरक्षण कानून का उदाहरण दिया।