इस्लामी बंदूकधारियों ने नाइजीरिया के अनेक गांवों में आतंक मचाना जारी रखा हुआ है। दो दिन पूर्व ही उन इस्लामी हमलावरों ने एक गांव पर हमला करके 8 लोगों को जान से मार डाला। इस हमले के बाद उन्होंने उत्तर-पश्चिम ज़मफ़ारा प्रांत में जाकर वहां रह रहे दो समुदायों के कम से कम 60 लोगों को अगवा कर लिया। स्थानीय निवासियों में इस घटना को लेकर जहां भय व्याप्त है वहीं एक अन्य घटना में इन्हीं हथियारबंद इस्लामी हमलावरों ने वहां के एक विश्वविद्यालय से कई दर्जन लोगों का भी अपहरण कर लिया।
अफ्रीकी देश नाइजीरिया में इस्लामी हमलावरों ने हत्याओं और अपहरणों की एक के बाद एक घटनाएं करके पुलिस, सेना और सरकार की नाक में दम किया हुआ है। देश के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में इन्हीं संदिग्ध इस्लामी विद्रोहियों ने सुरक्षा गश्त पर निकले सेना के वाहनों के एक काफिले पर घात लगाकर हमला बोल दिया था, जिसमें दो सैनिकों सहित चार अन्य नागरिकों की मौत हो गई। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, हमलावरों ने वहां वाहनों में आग भी लगा दी और सेना का एक ट्रक लेकर भाग गए।
ऐसी अनेक घटनाओं के होने के बावजूद, नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला टीनुबू अभी तक तय नहीं कर पाए है कि इन हमलावरों से कैसे निपटेंगे और आम नागरिकों को सुरक्षा कैसे दिलाएंगे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दो दिन पहले इस्लामवादी बंदूकधारियों ने भोर के वक्त ज़म्फ़ारा के ग्रामीण मगामी समुदाय में स्थित एक अग्रिम सैन्य अड्डे पर हमला बोलने की कोशिश की थी। लेकिन ग्रामीणों ने आखिरकार उनका सामना करके उन्हें खदेड़ बाहर किया। ज़म्फ़ारा उन राज्यों में से एक है, जो हथियारबंद हमलावरों और सशस्त्र लुटेरों के निशाने पर रहता है। इनके निशाने पर सेना की चौकियां और मगामी तथा कबासा समुदाय रहते हैं।
हमलावरों ने इन्हीं समुदायों से लगभग 60 लोगों को अगवा किया है। हैरानी की बात नहीं कि इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। मोटरसाइकिल सवार सशस्त्र डकैतों ने गांव में घुसते ही गोलियां दागकर दहशत का माहौल बना दिया था। कबासा समुदाय के अनुसार, उनके चार लोग मारे गए जबकि दर्जनों अगवा कर लिए गए हैं।
नाइजीरिया का उत्तरपश्चिम क्षेत्र बड़े पैमाने पर असुरक्षा झेल रहा है। यहां इस्लामवादी लड़ाके लगातार हमले करते रहे हैं। वे वहां के किसानों और चरवाहों को मारते आ रहे हैं।