संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचे भारत के विदेश मंत्री ने कनाडा के साथ चल रहे कूटनीतिक विवाद पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते कहा कि मैं 5 आईज इंटेलीजेंस नेटवर्क या फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआइ) का हिस्सा नहीं हूं। इसलिए मुझे लगता है कि आप गलत व्यक्ति से पूछ रहे हैं।” एक विदेशी पत्रकार ने भारत-कनाडा के बीच विवाद का कारण बने 5 आईज नेटवर्क की रिपोर्ट से जुड़ा सवाल पूछा था। विदेश मंत्री ने इस दौरान कनाडा के ऊपर फिर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि कनाडा राजनीतिक कारणों से भारत विरोधी गतिविधियों को अपनी धरती पर बढ़ावा दे रहा है और उसे सहन भी कर रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों पर भारत के रुख को दोहराया और इस बात पर जोर दिया कि भारत अपनी “नीति” के तहत ऐसे कृत्यों में शामिल नहीं होता है। भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद तब शुरू हुआ जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया कि जून में कनाडा की धरती पर निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के “विश्वसनीय आरोप” का उनकी सरकार के पास मजबूत आधार है। यह विवाद तब और बिगड़ गया जब एक अमेरिकी राजनयिक ने आरोप लगाया कि “फाइव आईज साझेदारों के बीच साझा खुफिया जानकारी” थी, जिसके कारण श्री ट्रूडो ने हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के बारे में आरोप लगाया है।
EAM Jaishankar meets Mauritius President Roopun at UNGA
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— ANI Digital (@ani_digital) September 27, 2023
कनाडा संगठित अपराधों का गढ़
न्यूयॉर्क में काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशंस में बोलते हुए मंगलवार को जयशंकर ने कनाडा में संगठित अपराध के मुद्दे पर सबका ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कनाडा को विशेष रूप से अलगाववादी ताकतों, हिंसा और उग्रवाद से जुड़ा गढ़ बताया है। विदेशमंत्री ने राजनीतिक कारणों से कनाडा के ऐसी गतिविधियों को सहन करने की स्पष्ट इच्छा के बारे में भी चिंता व्यक्त की। भारत ने कनाडा के “निराधार” आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। ट्रूडो प्रशासन ने अभी तक अपने दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है। जयशंकर ने कनाडा से कहा कि अगर वह निज्जर की हत्या के बारे में भारत को कोई विशेष जानकारी प्रदान करेगा तो भारत “इस पर विचार करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यदि आपके पास कुछ विशिष्ट और प्रासंगिक है, तो हमें बताएं। क्योंकि एक तरह से संदर्भ के बिना तस्वीर पूरी नहीं होती।
कनाडा के साथ चीन को भी लपेटा
एस जयशंकर ने कनाडा की परोक्ष आलोचना करते हुए, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से भारत ने आतंकवाद और हिंसा के प्रति अपनी प्रतिक्रियाओं में “राजनीतिक सुविधा” का विरोध करने का आह्वान किया। जयशंकर ने यह भी कहा कि क्षेत्रीय अखंडता और आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप का सम्मान सार्वभौमिक होना चाहिए और शेष विश्व के लिए एजेंडा तय करने वाले कुछ देशों का युग समाप्त हो गया। भारत ने परोक्ष रूप से कनाडा के साथ ही साथ चीन की भी खिंचाई की। साथ ही साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दूसरे देशों के लिए एजेंडा तय करने वाले राष्ट्रों को भी आईना दिखाया।