वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर रही आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया मतलब ASI ने अदालत से और चार हफ्ते का समय मांग लिया है. वाराणसी जिला अदालत के आदेश पर 24 जुलाई से सर्वे का काम जारी है. ASI को अपनी रिपोर्ट 6 अक्टूबर तक देनी थी. पर उनके वकील ने आज जिला अदालत को बताया कि अब तक सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है. काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानव्यापी परिसर में कई जगहों पर मलबा पड़ा था. इन्हें हटाने के बाद ही सर्वे का काम हो सकता है. इसीलिए कोर्ट से और अधिक समय दिए जाने की मांग की गई है.
हिंदू पक्ष की अपील पर कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे हो रहा है. परिसर की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतज़ामिया मसाजिद कमेटी ने इसका विरोध किया था. लेकिन वाराणसी की जिला अदालत ने 21 जुलाई को ASI को सर्वे करने का आदेश दे दिया था. इसके बाद ASI की टीम वाराणसी पहुंच गई.
टीम ने 24 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का काम भी शुरू कर दिया, लेकिन इसी दौरान मुस्लिम पक्ष इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने उसी दिन दोपहर बारह बजे सर्वे पर रोक लगा दी.
हाईकोर्ट में 25 जुलाई को शुरू हुई थी बहस
रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने को कहा. हाई कोर्ट में 25 जुलाई को बहस हुई और फ़ैसला रिज़र्व कर लिया गया. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 3 अगस्त को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे जारी रखने का आदेश दे दिया.
ये कहा गया कि वजुखाने को छोड़ कर बाक़ी इलाकों का सर्वे किया जाए. चालीस सदस्यों की ASI की टीम में कई तरह के एक्सपर्ट शामिल हैं. सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष की तरफ़ से मीडिया में तमाम तरह के दावे किए जाने लगे.
एएसआई ने 4 हफ्ते का मांगा समय
ये कहा गया कि मस्जिद से मंदिर के कई तरह के प्रतीक और अवशेष मिले हैं. अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने ऐसे दावों और बयानबाज़ी के खिलाफ कोर्ट चली गई. अदालत ने सर्वे की मीडिया रिपोर्ट पर रोक लगा दी. अदालत ने कहा सर्वे की कोई भी बात किसी से न शेयर करें. सर्वे की रिपोर्ट अदालत के सामने पेश की जाए.
तारीख़ पर तारीख़ पहले तय हुआ था कि अगस्त के महीने में ही ASI अपना काम खत्म कर वाराणसी जिला अदालत के सामने पेश कर देगी. लेकिन ऐसा न हो सका. रविवार को छोड़ कर ASI की टीम हर दिन सवेरे 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक सर्वे करती है.
इस सर्वे से ज्ञानवापी परिसर में बने मस्जिद के काल खंड का पता चलेगा. ये भी पता चलेगा कि क्या किसी इमारत को तोड़ कर मस्जिद बनाई गई है. ASI के और अधिक समय दिए जाने की अपील पर कल सुनवाई हो सकती है.