न्यू जर्सी के रॉबिंसविले स्थित बीएपीएस स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर में महंतस्वामी महाराज के सान्निध्य में विशेष द्वितीय चरण का मूर्ति प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में भगवान श्री राम, माता सीता जी, हनुमानजी, लक्ष्मणजी, भगवान श्री शिव, माता पार्वतीजी, गणेशजी, कार्तिकेयजी, भगवान श्री कृष्ण, राधाजी, भगवान श्री तिरूपति बालाजी और बीएपीएस परम्परा के आध्यात्मिक गुरुओं की दिव्य मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई।
कार्यक्रम के दौरान तमाम विशेष अतिथी मौजूद रहे, जिसमें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरी भी शामिल थे। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपने जो बीएपीएस स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर बनाया है वह एक लाइटहाउस है। यह एक प्रकाशपुंज है, जो हमेशा के लिए अपनी रोशनी देगा। यह प्रकाशपुंज पीढ़ी दर पीढ़ी ज्ञान के रूप में प्रसारित होगा। यह मानवता का मंदिर है, आस्था का मंदिर है, सार्वभौमिक प्रेम और सौहार्द का मंदिर है, वैश्विक भाईचारे का मंदिर है। आज का यह महत्वपूर्ण समारोह उत्तरी अमेरिका में बीएपीएस स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर के गहरे आध्यात्मिक, सांस्कृतिक महत्व और हिंदू विरासत के संरक्षण और प्रचार के प्रति इसकी प्रतिबद्धता उदाहरण देता है।
वहीं शाम के वक्त ‘इंटरफेथ हार्मोनी डे’ नामक एक सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में इस्लाम धर्म, ईसाई धर्म, यहूदी धर्म, हिंदू धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और बौद्ध धर्म के प्रतिनिधि शामिल हुए। यह सभा अक्षरधाम के मूल सिद्धांतों का प्रमाण थी, जहां विविधता में एकता और मानवता को एक साथ बांधनेवाली श्रद्धा का नित्य पूजन होता है। आज के कार्यक्रम से इस सेतु को और भी मजबूती मिली है।
सभा में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए, पूज्य ब्रह्मविहारिदास स्वामी ने कहा कि हमारा मानना है कि धर्म का सार सद्भाव है, और यह हिंदू धर्म, सनातन धर्म की मूल मान्यता है। हम अलग-अलग पंखों और अलग-अलग उड़ानों वाले पक्षी हो सकते हैं, लेकिन हम सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हम सभी इस पृथ्वी पर उसी घोंसले का अभिन्न भाग हैं, जो हमारा आध्यात्मिक घर है।