नांदेड़ अस्पताल में मरीजों की मौत के मामले में बॉम्बे HC ने महाराष्ट्र सरकार को हलफनामा फाइल करने का निर्देश दिया.चीफ जस्टिस ने हलफनामे में पिछले 6 महीनों में सरकारी अस्पतालों में रिक्त पदों को भरने के लिए उठाए गए कदम की जानकारी मांगी. इसके साथ ही पिछले 6 महीनों में सरकारी अस्पतालों की मांग और आपूर्ति की जानकारी देने को कहा. मेडिकल खरीद प्राधिकरण को इसकी खरीद के लिए 2023 अधिनियम के अनुपालन में शपथ पत्र दाखिल करने के लिए भी कहा गया है.
Bombay High Court directs Maharashtra Government to file affidavit about the steps taken for filling the vacancies in Govt Hospital in past 6 months and the demand and supplies to the govt hospitals in past 6 months. The Court also asked Medical procurement authority to file an…
— ANI (@ANI) October 6, 2023
महाराष्ट्र सरकार को हलफनामें में देने होंगे ये डिटेल्स
इसके आगे बॉम्बे HC ने कहा, विशेष रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए कि कर्मचारी केवल खरीद प्राधिकरण के लिए हैं या उन्हें इसके अतिरिक्त प्राधिकरण का प्रभार दिया गया है. चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा द्वारा दायर हलफनामे में पिछले एक साल में चिकित्सा आपूर्ति के लिए नांदेड़ से जुड़े संस्थानों का विवरण भी देना चाहिए. इसी प्रकार का विवरण प्रमुख सचिव जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा अन्य अस्पतालों के लिए भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
Bombay High Court has started hearing in the Nanded hospital deaths matter. Advocate General Birendra Saraf is representing the Government of Maharashtra. pic.twitter.com/rALqzEtFNx
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दवाओं-अन्य चिकित्सा उपकरणों की खरीद का मुद्दा भी महत्वपूर्ण: HC
बॉम्बे HC के चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार को अस्पताल के डॉक्टरों और पैरामेडिक दोनों कर्मचारियों की कमी की समस्या का उचित समाधान करने की जरूरत है. दवाओं और अन्य चिकित्सा उपकरणों की खरीद का मुद्दा भी बहुत महत्वपूर्ण है. सभी स्तरों के सरकारी अस्पतालों का प्रबंधन सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है और मेडिकल कॉलेजों का प्रबंधन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है.
30 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
चीफ जस्टिस ने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज का प्राथमिक कार्य शिक्षण है और दूसरा कार्य मरीजों की देखभाल करना है.मरीजों की देखभाल की प्राथमिक जिम्मेदारी जन स्वास्थ्य विभाग की है. हमारी राय में अन्य सभी उपायों के अलावा इन 2 विभागों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मेडिकल और नॉन मेडिकल की सभी रिक्तियां भरी जाएं.एडवोकेट जनरल (AG) ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया एमपीएससी द्वारा आयोजित की गई है और अन्य अस्पतालों में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा अन्य भर्ती प्रक्रिया द्वारा डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है. इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी.
The Bombay High Court also says that the affidavit filed by Principal Secretary of Medical Education should also give details of the institutions attached with Nanded for medical supplies in past one year. Similar details can also be provided by the Principal Secretary of Public…
— ANI (@ANI) October 6, 2023