रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्विपक्षीय सामरिक भागीदारी बढ़ाने व सैन्य उपकरणों के संयुक्त विकास के मद्देनजर औद्योगिक सहयोग तलाशने के लिए इटली के बाद फ्रांस दौरे पर हैं।
भारत-फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी गहरी हुई
रक्षा मंत्री ने पेरिस में फ्रांसीसी सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के साथ अपनी बातचीत के बाद यह बात कही। रक्षा मंत्री ने लेकोर्नू के साथ अपनी मुलाकात को “उत्कृष्ट” बताया। सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “पेरिस में फ्रांस के सशस्त्र बलों के मंत्री श्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के साथ एक उत्कृष्ट बैठक हुई है।” उन्होंने कहा, “भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी पिछले कुछ वर्षों में गहरी हुई है और आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। हम इस साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तत्पर हैं।”
Had an excellent meeting with the French Minister for the Armed Forces, Mr. Sebastien Lecornu in Paris.
India-France strategic partnership has deepened over years and is more relevant today than ever. We look forward to taking this partnership to newer heights. pic.twitter.com/EoVLJWqSE2
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2023
रक्षा मंत्री ने आर एंड डी सेंटर का दौरा किया
राजनाथ सिंह रोम की यात्रा समाप्त करने के बाद मंगलवार को पेरिस पहुंचे हैं। बुधवार को सिंह ने पेरिस के पास फ्रांसीसी फर्म सफरान की जेट इंजन विनिर्माण सुविधा का दौरा किया और एयरो-इंजन प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास देखा। गेनेविलियर्स स्थित सुविधा केंद्र का उनका दौरा इसलिए महत्वपूर्ण हो गया, क्योंकि सफ्रान एक मेगा प्रोजेक्ट के तहत भारत में एक लड़ाकू विमान इंजन का सह-विकास करने पर विचार कर रहा है।
सिंह ने शीर्ष फ्रांसीसी रक्षा कंपनियों के सीईओ के एक समूह के साथ भी बातचीत की और उन्हें भारत में रक्षा हार्डवेयर के सह-विकास और सह-उत्पादन के “फायदों” पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसे तीसरे देशों में निर्यात किया जा सकता है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह ने पेरिस के पास गेनेविलियर्स में सफरान इंजन डिवीजन के आर एंड डी सेंटर का दौरा किया और एयरो-इंजन प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास को देखा।
नौसेना के लिए तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण
भारत और फ्रांस के बीच रक्षा और रणनीतिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं। जुलाई में भारत और फ्रांस ने अभूतपूर्व रक्षा सहयोग परियोजनाओं की घोषणा की, जिसमें जेट और हेलीकॉप्टर इंजनों का संयुक्त विकास और भारतीय नौसेना के लिए तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण शामिल है। दोनों रणनीतिक साझेदारों ने तीसरे देशों के लाभ सहित उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और सह-उत्पादन में सहयोग करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।