प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड के एक दिवसीय दौरे पर हैं। जहां उन्होंने सबसे पहले आदि कैलाश के दर्शन किए। उसके बाद प्रधानमंत्री पिथौरागढ़ के धारचूला से 70 किलोमीटर दूर गूंजी गांव पहुंचे। गूंजी गांव में स्थानीय लोगों ने उनका परंपरा और पारंपरिक वेशभूषा के साथ स्वागत किया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी प्रधानमंत्री के साथ दिखे। प्रधानमंत्री ने ढोल दमाऊ भी बजाया। साथ ही यहां के स्थानीय लोगों के साथ बातचीत भी की। प्रधानमंत्री ने आईटीबीपी के जवानों से भी मुलाकात की।
व्यास घाटी की जमीन पर है गूंजी गांव
आपको बता दें कि गूंजी गांव व्यास घाटी की उस जमीन पर है, जहां न भूस्खलन का खतरा है और न ही बाढ़ का। इस गांव में 20 से 25 परिवार ही रहते हैं। जो बमुश्किल अपना खर्च चला पाते हैं। पिथौरागढ़ डीएम रीना जोशी के मुताबिक गूंजी के दाएं तरफ से नाभीढांग, ओम पर्वत और कैलाश व्यू प्वाइंट का रास्ता जाता है, तो बाएं तरफ से आदि कैलाश और जौलीकॉन्ग का। इसीलिए, ये गांव कैलाश तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मुफीद है।
At Parvati Kund and Gunji, interacted with the dedicated personnel of the Army, BRO and ITBP. Their unwavering service in challenging conditions is truly commendable. Their spirit and dedication inspires the entire nation. pic.twitter.com/DNGzoDnKwZ
— Narendra Modi (@narendramodi) October 12, 2023
जवानों से पीएम मोदी ने की मुलाकात
अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने पार्वती कुंड और गुंजी में भारतीय सेना, सीमा सड़क संगठन यानी बीआरओ और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के साथ बातचीत की। पीएम मोदी ने एक्स पर इस बाबत लिखा, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उनकी अटूट सेवा वास्तव में सराहनयी है। उनकी भावना और समर्पण पूरे देश को प्रेरित करता है।
पार्वती कुंड में की पूजा-अर्चना
इससे पहले उन्होंने भगवान शिव के धाम आदि कैलाश चोटी के दर्शन किए और पार्वती कुंड पहुंचकर पूजा—अर्चना की । पारंपरिक पगड़ी और रंगा (शरीर के उपरी हिस्से में पहना जाने वाला वस्त्र) के पारंपरिक परिधान पहने मोदी ने पार्वती कुंड के किनारे स्थित प्राचीन शिव—पार्वती मंदिर में आरती की । प्रधानमंत्री ने आदि कैलाश चोटी के सामने हाथ जोड़कर कुछ देर ध्यान भी लगाया । इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके साथ मौजूद थे।