बाटला हाउस एनकाउंटर केस में आरिज की फांसी की सजा को दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दी है. साकेत कोर्ट ने फांसी की सजा दी थी. यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और अमित शर्मा की पीठ ने सुनाया. दोषी और राज्य सरकार के वकीलों की दलीलें पूरी होने के बाद पीठ ने अगस्त में इस मुद्दे पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के शर्मा 19 सितंबर, 2008 को दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर में पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में मारे गए थे
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने की थी छापेमारी
मोहन शर्मा ने धमाकों के लिए जिम्मेदार आतंकियों की तलाश में वहां छापा मारा था.ट्रायल कोर्ट ने 8 मार्च, 2021 को खान को दोषी ठहराया और कहा कि यह साबित हुआ है कि उसने और उसके सहयोगियों ने पुलिस अधिकारी की हत्या की और उन पर गोलियां चलाईं.15 मार्च, 2021 को ट्रायल कोर्ट ने खान को मृत्युदंड की सजा सुनाई और उस पर 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि 10 लाख रुपये तुरंत शर्मा के परिवार के सदस्यों को जारी किए जाने चाहिए.
दिल्ली उच्च न्यायालय में दोषी ने की थी अपील
उच्च न्यायालय को खान की मौत की सजा की पुष्टि के लिए एक संदर्भ प्राप्त हुआ.जब कोई निचली अदालत किसी व्यक्ति को मौत की सजा सुनाती है, तो उच्च न्यायालय सजा की पुष्टि के लिए दलीलें सुनकर उसके फैसले की जांच करता है.ट्रायल कोर्ट ने अपने फैसले में, बिना किसी उकसावे के पुलिस पार्टी पर गोलीबारी करने के खान के कृत्य को “घृणित और क्रूर” बताया था और कहा था कि इससे पता चलता है कि वह न केवल समाज के लिए खतरा था, बल्कि राज्य का दुश्मन भी था.
ट्रायल कोर्ट ने क्या कहा था
ट्रायल कोर्ट, जिसने कहा था कि दोषी ने अपने घृणित कार्य के कारण, जीने का अधिकार खो दिया है, ने माना कि खान के खिलाफ साबित हुआ अपराध कोई सामान्य कार्य नहीं था, बल्कि राज्य के खिलाफ अपराध था, और इसे करते समय उसने ऐसा किया. एक खूंखार और अच्छी तरह से प्रशिक्षित आतंकवादी की तरह जो किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है. खान अपराध स्थल से भाग गया था और उसे घोषित अपराधी घोषित कर दिया गया था. उन्हें 14 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार किया गया था.