दिल्ली-एनसीआर में ठंड ने दस्तक दे दी है। सुबह और शाम हल्की-फुल्की ठंड का एहसास होने लगा है। इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर की हवा का स्तर भी बिगड़ने लगा है। यहां की हवा में जहर घुलना शुरू हो गया है। हरियाणा और पंजाब में जलाई जाने वाली पराली का धुआं भी राजधानी पहुंचने लगा है। जिससे प्रदूषण का स्तर ख़राब तक पहुंच चुका है। दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में शुक्रवार की हवा भी खराब स्तर में दर्ज की गई।
दिल्ली में सुबह लगभग साढ़े 9 बजे प्रदूषण का स्तर 190 था। हालांकि दिल्ली विश्वविद्यालय इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर 313 तक पहुंच गया था। इसके साथ ही दिल्ली से सटे नोएडा में प्रदूषण का स्तर 212 पहुंच गया था। वहीं गाजियाबाद में यह स्तर 144 पहुंच चुका है। पूर्वानुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर और खराब हो सकता है।
Delhi's overall Air Quality Index (AQI) is presently at 190 in the 'moderate' category, as per SAFAR-India.
Air Quality Index (AQI) presently at 313 near Delhi University in 'very poor' category, and 212 in Noida (UP) in 'poor' quality. pic.twitter.com/16fmLYvDZe
— ANI (@ANI) October 13, 2023
सरकार लागू कर चुकी है GRAP का पहला चरण
बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक हरियाणा और पंजाब में जलने वाली पराली को माना जाता है। इसके साथ राजधानी में चलने वाली गाड़ियां भी बड़े स्तर पर प्रदूषण फैलाती हैं। सरकार ने प्रदूषण की मार से बचने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के पहले फेज के तहत उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है। ऐसे में सड़क किनारे होटलों, भोजनालयों व रेडियों पर इस्तेमाल होने वाले कोयलों पर पूर्ण प्रतिबंध शामिल है।
Delhi's Air Quality recorded in 'moderate' category
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— ANI Digital (@ani_digital) October 13, 2023
एक्यूआई के आधार पर कब घोषित होती है इमरजेंसी
वायु गुणवत्ता- 201 से 300 तक (खराब हवा)
वायु गुणवत्ता- 301 से 400 तक (बेहद खराब हवा)
वायु गुणवत्ता- 401 से 450 तक (गंभीर स्थिति)
वायु गुणवत्ता- 450 से अधिक (इमरजेंसी)
किन चीजों को मिलेगी छूट
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक जीआरएपी के फेस 1 के लागू होने पर एस्केलेटर, चिकित्सीय सेवाओं, नर्सिंग होम, रेलवे सेवाओं, ट्रेन, स्टेशन, मेट्रो, हवाई सेवाओं, अंतरराज्यीय बस सेवाओं, गंदा पानी साफ करने वाले यंत्रों, जल पंपिग स्टेशन, वाणिज्य इमारतों के लिफ्ट, राष्ट्रीय परियोजनाओं से जुड़े कार्यों, दूर संचार इत्यादि कई अन्य चीजों को छूट मिलेगी। बता दें कि इससे पहले एक अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप सिस्टम लागू कर दिया गया था। वहीं शुक्रवार को इसके पहले चरण को लागू किया गया है। बता दें कि इसके तहत चार चरणों में दिल्ली-एनसीआर में पाबंदियां लगाई जाती हैं ताकि वायु की गुणवत्ता को खराब होने से रोका जा सके। पहले चरण में दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में डीजल से चलने वाले जनरेटरों में पर पाबंदियां लगाई जाती हैं। हालांकि पर्यटन मंत्रालय द्वारा दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक सभी क्षमता और श्रेणियों के डीजल जनरेटर को संचालित करने की अनुमति दे दी गई है, जो की एक बार के अपवाद के रूप में है।