नोआ अब्राहम्स (Noah Abrahams) नाम का एक पत्रकार है। बीबीसी के लिए काम करता था। 12 अक्टूबर 2023 को इस्तीफा दे चुका है। कारण? फिलिस्तीन में रहने वाले हमास आतंकियों ने इजरायल में जो बर्बरता मचाई है, उसके बावजूद बीबीसी इनके लिए आतंकी शब्द का इस्तेमाल नहीं करता है। हमास के हत्यारों के लिए बीबीसी आखिर लिखता क्या है? उत्तर है – अतिवादी, चरमपंथी, फ़लस्तीनी लड़ाके आदि।
नोआ अब्राहम्स की उम्र मात्र 22 साल है। इस्तीफे के बाद नोआ ने वीडियो इंटरव्यू देते हुए कहा कि उनके पास नैतिकता है और वो अपने मूल्यों पर कायम हैं। ‘निष्पक्ष पत्रकारिता’ के नाम पर 101 साल पुरानी संस्था बीबीसी की पोल-पट्टी खोलते हुए उनके पूर्व पत्रकार नोआ ने कहा:
आतंक पर बीबीसी की पत्रकारिता
बीबीसी ब्रिटेन की जनता के टैक्स से आए पैसों से चलता है। मतलब इसे आप मोटा-मोटी सरकारी मीडिया कंपनी जैसा समझ सकते हैं, भारत के दूरदर्शन की तरह। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हमास को आतंकी मानते-बोलते हैं। मतलब जनता ने जिसे अपना प्रधानमंत्री चुना, वो हमास को आतंकी कह रहा लेकिन जनता के पैसों पर पलने वाले बीबीसी के लिए हमास के लोग हैं – अतिवादी, चरमपंथी, फ़लस्तीनी लड़ाके आदि। घटना 1, शब्द 3… यह कैसी संपादकीय नीति है?
लंदन की गलियों से दूर इजरायल में अगर कोई संगठन बच्चों का कत्ल कर रहा है, महिलाओं को मारने के बाद नंगा करके उनकी परेड निकाल रहा है,एक ही रात में 5000 से ज्यादा रॉकेट दाग रहा है… बीबीसी के लिए यह सब आतंक की श्रेणी में नहीं आता है। बीबीसी क्योंकि ‘निष्पक्ष पत्रकारिता’ करता है, दुनिया भर में इसका ढिंढोरा पीटा जाता है। सही है। हर संस्था को अपने मानक तय करने का अधिकार होना चाहिए, पॉलिसी निर्धारण में किसी भी तरह का दबाव गलत है।
इजरायल-फिलिस्तीन से दूर भारत में जो इस्लामी आतंकी हत्याएँ करते हैं, उनके लिए बीबीसी क्या शब्द लिखता है, यह भी देख लेते हैं – चरमपंथी, कभी-कभी संदिग्ध चरमपंथी भी (मतलब चरमपंथी है भी या नहीं, यह संदिग्ध है… भले वो किसी की हत्या कर चुका हो)। मतलब देश अलग होने से बीबीसी ने ‘निष्पक्ष पत्रकारिता’ के पैमाने नहीं बदले, इन दो उदाहरणों से यह तो स्पष्ट है।
BBC Reporter Noah Abrahams resigned from the @BBC after they refused to call Hamas "terrorists".
People who burn people alive and behead babies are not 'freedom fighters' or ‘militants.’
The failure to use the term terrorist is a failure of the journalistic tenets of accuracy… pic.twitter.com/1rn85WJGPd
— Aviva Klompas (@AvivaKlompas) October 12, 2023
खबर आयरलैंड की है। खबर के अनुसार आतंकी हमला हुआ भी नहीं है। आतंकी हमला होने की संभावना है। इस संभावना को देखते हुए पुलिस और सुरक्षाबलों से मुस्तैद रहने को कहा गया है। ‘निष्पक्ष पत्रकारिता’ करने वाले बीबीसी की ऐसी क्या मजबूरी रही होगी, जिसके कारण उसे ‘आतंकी हमले की संभावना’ जैसे टर्म लिखना पड़ा? चरमपंथी हमला लिखने में क्या बुराई थी, संपादकीय नीति चरमरा जाती क्या?
बीबीसी की ‘निष्पक्ष पत्रकारिता’ क्या है, ऊपर वाली खबर के कवरेज ने एक लाइन में समझा दी है – अपनों का नाखून भी कटे तो आतंक है, दूर किसी का खून भी बह जाए तो शांति है।
‘सर तन से जुदा’ और बीबीसी की माफी
वापस लौटते हैं नोआ अब्राहम्स (Noah Abrahams) पर। बीबीसी में काम किए बिना उनकी संपादकीय नीति में मैंने खोट निकाल ली है। सिर्फ गूगल सर्च के सहारे। सोचिए जो नोआ वहाँ हर दिन काम करता होगा, संपादकीय मीटिंग, उनकी बहसों, तर्क-वितर्कों का हिस्सा बनता होगा, उसे कितना कुछ मालूम होगा। नोआ का इस्तीफा बीबीसी की ‘निष्पक्ष पत्रकारिता’ के नाम पर जोरदार तमाचा है।
बीबीसी ने अपने पाठकों के साथ हमेशा धोखा किया है, हमास को आतंकी नहीं बोलने और ‘निष्पक्ष पत्रकारिता’ का ढिंढोरा पीटने का इनका यह रोग नया नहीं है। बलात्कार के साथ भगवान राम और माता सीता को जोड़ते हुए कार्टून इसी बीबीसी ने छापे थे। लाठी लिए कुछ गुंडों के सामने भगवान राम को रोते और हाथ जोड़ने वाला कार्टून भी यहीं छपा है। प्रेस की स्वतंत्रता है, होनी भी चाहिए… जिस भारत में राम सबके भगवान हैं, वहाँ बीबीसी पर किसी ने हमला नहीं किया, कोई केस नहीं हुआ।
खबर जब इस्लाम और मुस्लिमों से जुड़ी हो तो बीबीसी क्या करता है, अब सवाल यह है। भगवान राम की तरह क्या यह इस्लामी मजहब के प्रतीकों का कार्टून बना पाता है? बीबीसी ने एक बार एक वीडियो बनवाई थी, इसमें पैगंबर मोहम्मद का चित्र दिखाया गया था। बवाल मच गया। ‘निष्पक्ष पत्रकारिता’ करने वाली बीबीसी ने फौरन वीडियो डिलीट किया। लेकिन यह काफी नहीं था। माफ़ी भी माँगी। इसका कारण तो बीबीसी ने नहीं बताया लेकिन शायद उन्हें शार्ली हेब्दो के ऑफिस में मचे कत्लेआम वाली खबर याद आ गई होगी।
मतलब ‘निष्पक्ष पत्रकारिता’ तो सही है लेकिन… अपनों का नाखून भी कटे तो आतंक है!!!