इजराइल पर हमास के हमले की साजिश पांच साल पहले रची गई थी और क्या इस साजिश को हसन रूहानी और शी जिनपिंग ने मिलकर अमलीजामा पहनाया था? गाजा की बॉर्डर फेंसिंग को बुलडोजर से तोड़कर हमास के जो आतंकी इजराइल में घुस आए थे, क्या उन्हें ऐसा करने का ऑर्डर 5 साल पहले मिला था…? ये सवाल इसलिए क्योंकि ईरान के पूर्व जनरल कासिम ने इजराइल पर अटैक का जो ब्लूप्रिंट बनाया था. उसकी मौत के 3 साल बीत जाने के बाद हमास के आतंकियों ने बिल्कुल वैसे ही हमला किया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है क्या इजराइल के जलने की पटकथा ईरान ने लिखी थी?
2018 में साजिश, 2023 में हमला
कासिम सुलेमानी ने 5 साल पहले गाजा से इजराइल पर हमले का ब्लूप्रिंट बनाया था. मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट में साफ साफ लिखा है कि इजरायल पर अचानक हमला नहीं हुआ था. ये हमला होना तय था. 5 साल पहले ही इस हमले की तैयारी की जा चुकी थी. MEMRI ने सबूतों के साथ एक रिपोर्ट जारी की है, जिससे साफ साफ पता चलता है कि ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी ने गाजा से ग्रेट रिटर्न मार्च का ब्लूप्रिंट बनाया था. सुलेमानी की साजिश में वही सब होना था, जो उसकी मौत के 3 साल बाद यानी 2023 में हुआ.
सुलेमानी ने बनाई थीहमलावरों की तीन टीम
दरअसल, मई 2018 में कासिम सुलेमानी ने इजराइल के कब्जे से जमीन का बड़ा हिस्सा वापस छीनने का प्लान बनाया था. कासिम सुलेमानी ने इस योजना को ‘ग्रेट रिटर्न मार्च’ नाम दिया. सुलेमानी ने इसके लिए हमलावरों की तीन टीमें बनाई थीं. पहली टीम का काम था गाजा और इजराइल के बीच सीमा बाड़ को तोड़ना. दूसरी टीम का काम था इजराइली इलाके में घुसपैठ करना और कम से कम 1200 लोगों का कत्ल करना. तीसरी टीम का काम था इजराइल के काउंटर अटैक के वक्त फिलिस्तीन के लिए जनसमर्थन तैयार करना.
सुलेमानी की मौत के 3 साल बाद इजराइल पर हमला
कासिम सुलेमानी ने साजिश तो रच दी लेकिन उसे अंजाम तक पहुंचाने से पहले वो अमेरिका के ड्रोन हमले का शिकार बन गया. कासिम सुलेमानी की मौत ने पूरे ईरान को प्रतिशोध की आग में झोंक दिया. सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने जामकरन मस्जिद के गुंबद पर प्रतिशोध का लाल झंडा फहरा दिया था. इसका एक ही मतलब था युद्ध की घोषणा. वो युद्ध जो कासिम सुलेमानी को मारने वाले अमेरिका के खिलाफ था. वो युद्ध जो कासिम सुलेमानी की कसम पूरी करने के लिए इजरायल से होने वाला था. कासिम सुलेमानी की मौत के 3 साल बाद इजराfल पर बिल्कुल वैसा ही हमला हुआ है.
इजराइल-हमास की जंग में चीन-ईरान का हाथ!
इजराइल और हमास की जंग में ईरान खुलकर हमास के साथ खड़ा हो गया है. अब ये बात पूरी दुनिया जान चुकी है कि हमास की फंडिंग से लेकर ट्रेनिंग देने तक में ईरान का हाथ है. ईरान खुलेआम इजराइल को धमकी दे रहा है. अमेरिका को सबक सिखाने की बात कर रहा है लेकिन अब एक विस्फोटक रिपोर्ट से 2 बड़े खुलासे हुए हैं. क्या गाजा में मचे गदर के पीछे शी जिनपिंग हैं? इजराइल में बहे खून के पीछे सुलेमानी की साजिश थी? इजरायल और हमास की जंग में पहली बार चीन का रिएक्शन सामने आया है. चीन ने वो कहा है जो ईरान सुनना चाहता था. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हमास के रॉकेट हमलों पर एक शब्द भी नहीं कहा लेकिन इजराइल से तुरंत युद्ध बंद कर देने की अपील कर दी.
इजराइल और हमास के बीच छिड़े युद्ध में चीन की एंट्री एक फोन कॉल से नहीं हुई है. एक सनसनीखेज रिपोर्ट कह रही है कि गाजा में मचे गदर के पीछे ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं. एक तरफ दोहा में ईरान के विदेश मंत्री ने हमास के बड़े कमांडर से खुलेआम मुलाकात करके समर्थन देने की घोषणा कर दी. फिर चीन के विदेश मंत्री ने ईरान के विदेश मंत्री को कॉल किया और उसके बाद इजराइल ने दावा किया है कि ईरान सीरिया में हथियारों का जखीरा जमा कर रहा है और इसके पक्के सबूत मिले हैं.
पूरे मिडिल-ईस्ट को दहला देगा ईरान-चीन का गठजोड़
इजराइल ने ये आरोप भी लगाया है कि ईरान सीरिया में हथियार तैनात करके युद्ध का नया मोर्चा खोलने की कोशिश कर रहा है. सीरिया ने पिछले हफ्ते इजरायल पर दमिश्क और अलेप्पो हवाई अड्डों पर हमले करने का आरोप लगाया था. इजराइल के विदेश मंत्रालय ने ईरान को चेतावनी दी है कि इजराइल पूरे मध्य-पूर्व में एक साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. ईरानी पीएम इब्राहिम मुस्लिम देशों के नए नेता बनना चाहते हैं. वो कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेना चाहते हैं. अरब वर्ल्ड में खुद को साबित करना चाहते हैं और सऊदी अरब से बड़ा कद बनाना चाहते हैं. ईरान और चीन का नया गठजोड़ पूरे मिडिल-ईस्ट को दहला देगा.