बहुचर्चित निठारी कांड एक बार सुर्खियों में है. निठारी कांड के दोनो आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोट से बड़ी राहत मिली है. आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया गया है. जेल प्रशासन के मुताबिक अभी उन्हें हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए जजमेंट की कॉपी नहीं मिली है.
इस मामले में गौतम बुद्ध नगर जिला कारावास, लुक्सर जेल के सुप्रीटेंडेंट अरुण प्रताप सिंह ने जी न्यूज से खास बात की.
पंढेर की रिहाई में दो दिन का लग सकता है वक्त
अरुण सिंह के अनुसार पंढेर की रिहाई में से दो दिन का भी वक्त लग सकता है. नियम के मुताबिक सबसे पहले ऑर्डर की कॉपी कंसर्न कोर्ट को भेजी जाएगी. उसके बाद रिलीज ऑर्डर उनको मिलेगा जिसके बाद ही पंढेर को रिहा किया जायेगा
अरुण प्रताप सिंह ने बताया की पंढेर उनके जेल में तीन मामलों में बंद है. दो हत्या और एक अनैतिक व्यापार का मामला में है. जून 2023 में मनिंदर सिंह पंढेर को डासना जेल से नोएडा के लुक्सर जेल में शिफ्ट किया गया था. इस दौरन सिर्फ एक बार ही पंढेर का बेटा उससे मिलने आया था.
रिहाई की खबर सुन खुश हुआ पंढेर
पंढेर टीवी रोग से ग्रसित है. व्हील चेयर के जरिए चलता है. इसलिए उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. मनिंदर सिंह पंढेर को उसके रिहाई की जानकारी दे दी गई है. वार्ड में टीवी भी लगा है उसके जरिए उसे सूचना मिल गई थी. रिहाई की खबर सुन कर वह खुश हुआ. फ़िलहाल वह अपनी रिहाई का इंतजार कर रहा है.
दिसंबर 2006 में सामने आया था मामला?
कुख्यात निठारी कांड वर्ष 2005 और 2006 के बीच घटित हुआ था और तब सुर्खियों में आया जब दिसंबर, 2006 में नोएडा के निठारी स्थित एक मकान के पास नाले में मानव कंकाल पाए गए थे. मोनिंदर पंढेर उस मकान का मालिक था और कोली उसका नौकर था.
बाद मे, इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने सुरेंद्र कोली के खिलाफ हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए 16 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया और पंढेर के खिलाफ अनैतिक मानव तस्करी के लिए आरोप पत्र दाखिल किया था.
तब नोएडा के सेक्टर 31 स्थित कोठी संख्या डी-5 में रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली पर नौ बच्चियों, दो बच्चों और पांच महिलाओं को घर में बुलाकर यौन शोषण करने तथा उनकी हत्या कर शव को टुकड़े-टुकड़े कर नाले में बहाने का आरोप लगा था.