तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ दायर मानहानि मुदकमे की सुनवाई के दौरान शुक्रवार (20 अक्टूबर 2023) को दिल्ली हाईकोर्ट में अजीब सी स्थिति उत्पन्न हो गई। देहाद्राई ने खुली अदालत में आरोप कि मोइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने गुरुवार (19 अक्टूबर 2023) को उनसे संपर्क कर मोइत्रा के खिलाफ शिकायत वापस लेने को कहा था। इसके बाद शंकरनारायणन ने इस केस से खुद को अलग कर लिया।
देहाद्राई ने दावा किया कि एडवोकेट शंकरनारायणन ने कुत्ता हेनरी को देने और सीबीआई में दायर महुआ के खिलाफ शिकायत को वापस लेने की बात की थी। उस बातचीत की रिकॉर्डिंग उनके पास मौजूद है। बता दें कि देहाद्राई और महुआ के बीच कुत्ता ही असली विवाद का जड़ है। दोनों ने एक दूसरे पर हेनरी को चुराने का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस में शिकायत की है।
उधर, जय अनंत देहाद्राई ने कोर्ट से आगे कहा, “यह बहुत परेशान करने वाली बात है। हितों का बहुत गंभीर टकराव है। उन्होंने मुझसे 30 मिनट तक बात की। उन्होंने मुझसे कुत्ते के बदले में सीबीआई की शिकायत वापस लेने के लिए कहा। वह इस मामले में पेश नहीं हो सकते। मेरे पास रिकॉर्डिंग है।” शंकरनारायणन ने स्वीकार किया कि उन्होंने वास्तव में देहाद्राई से संपर्क किया था।
शंकरनारायणन ने कोर्ट को बताया कि वह देहाद्राई को जानते थे, क्योंकि देहाद्राई ने उन्हें विभिन्न मामलों में पेश होने के लिए पहले ही जानकारी दे दी थी। उन्होंने कहा, “जय ने मुझे पहले भी निर्देश दिया है। इसीलिए जब मुझसे इस मामले में पेश होने के लिए कहा गया तो मैंने अपने मुवक्किल से कहा कि मुझे उससे बात करने दीजिए। वह सहमत हो गई।”
इस पर न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि वे इस आरोप से स्तब्ध हैं और इससे हितों का टकराव हो सकता है। जज दत्ता ने कहा, “आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे उच्चतम पेशेवर मानक बनाए रखने की उम्मीद की जाती है। यदि आप प्रतिवादी नंबर 2 के संपर्क में रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपने मध्यस्थ की भूमिका निभाई है।”
कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद एडवोकेट शंकरनारायणन ने इस मामले से हटने का निर्णय लिया। अब अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर 2023 को तय की है। दरअसल, देहाद्राई ने सीबीआई को पत्र लिखकर कहा था कि महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी के हित में और अदानी समूह के खिलाफ संसद में सवाल पूछे थे और इसके पक्ष में उनके पास अकाट्य सबूत हैं।
इस आधार पर भाजपा सासंद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कार्रवाई की माँग की थी। फिर मोइत्रा ने दुबे, देहाद्राई और कई मीडिया संस्थानों के खिलाफ मानहानि का आरोप लगाते हुए अदालत का रुख कर किया है। आरोप है कि महुआ मोइत्रा ने उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार के रूप में रिश्वत लेकर हीरानंदानी के लिए सवाल पूछे थे।
हालाँकि, महुआ मोइत्रा ने इन आरोपों का खंडन किया, लेकिन हीरानंदनी समूह ने एक पत्र जारी कर इसे सही बताया। हीरानंदानी का हस्ताक्षरित बयान गुरुवार को मीडिया में आया, जिसमें उन्होंने देहाद्राई के दावों की पुष्टि की और कहा कि उन्होंने अदानी समूह को लक्षित करने वाले संसद में प्रश्नों का मसौदा तैयार करने के लिए मोइत्रा के संसदीय लॉगिन का उपयोग किया। हालाँकि, हीरानंदानी के इस बयान पर भी महुआ ने सवाल उठाया है।
यह मामला संसद की आचार समिति के पास पहुँच गया है। सांसद निशिकांत दुबे द्वारा शिकायत करने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने इसे एथिक्स कमिटी के पास भेज दिया था। दर्शन हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या एथिक्स कमेटी या किसी भी जाँच एजेंसी द्वारा तलब नहीं किया गया है। बता दें कि सांसद महुआ मोइत्रा और एडवोकेट जय अनंत पार्टनर रह चुके हैं।