थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर बनी हुई है और हमें कई प्रकार के चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय रूप से तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि हम दुनिया में अभूतपूर्व बदलाव देख रहे हैं और रूस-यूक्रेन संघर्ष से हमने सबक सीखा कि हम सैन्य हार्डवेयर के आयात के लिए अन्य देशों पर निर्भर नहीं रह सकते हैं।
40,000 अग्निवीरों का पहला हुआ शामिल
थलसेना अध्यक्ष ने कहा कि 40,000 ‘अग्निवीरों’ का पहला बैच इकाइयों में शामिल हो गया है और क्षेत्र से इसकी प्रतिक्रिया अच्छी और उत्साहजनक है। उन्होंने कहा कि हम सेना में आधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर महत्वपूर्ण ध्यान दे रहे हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि हमारा ध्यान सेना का पुनर्गठन, प्रौद्योगिकी का समावेश, मौजूदा संरचनाओं में सुधार करने पर है।
#WATCH | At Chanakya Defence Dialogue, Indian Army chief General Manoj Pande says, "One of the key lessons from the Russia-Ukraine conflict is that the land will continue to be a key domain of warfare, especially in the case of disputed borders…The integration we must achieve… pic.twitter.com/NNybPSaPN2
— ANI (@ANI) October 26, 2023
हिंद-प्रशांत हमारे लिए चुनौती और अवसरः सेनाध्यक्ष
थल सेना प्रमुख ने हिंद- प्रशांत पर बोलते हुए कहा कि यह हमारे लिए चुनौती और अवसर दोनों साबित होगा और हमें विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय रहने की जरूरत है। रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोलते हुए उन्होंने कहा – रूस-यूक्रेन संघर्ष का एक प्रमुख सबक यह है कि विवादित सीमाओं के मामले में कभी भी भूमि युद्ध का एक प्रमुख क्षेत्र बनी रहेगी। हम दुनिया में अभूतपूर्व बदलाव देख रहे हैं। हम वैश्विक मामलों में राष्ट्रीय हित की केंद्रीयता भी देख रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्व बढ़ रहा है।